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RAIPUR. राजधानी रायपुर में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। दरअसल एक निजी अस्पताल में जुड़वां बच्चियों को डॉक्टर्स ने मृत बताया, जिसके बाद कफन का कपड़ा लाने को कहा, तभी एक बच्ची के शरीर में पैकिंग के समय हलचल हुई, जिससे पता चला कि बच्ची जिंदा है। इसके बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया। जानकारी के मुताबिक बैरनबाजार स्थित सांई सुश्रुषा हॉस्पिटल में समता कॉलोनी के रहने वाले अंजनी सारस्वत ने अपनी पत्नी को डिलीवरी के लिए भर्ती कराया। मंगलवार (8 अगस्त) तड़के 3 बजे पत्नी ने जुड़वां बच्चियों को जन्म दिया। अस्पताल प्रबंधन ने पिता को बताया कि डिलीवरी प्री-मैच्योर है। डिलीवरी के दौरान एक बच्ची की मौत हो चुकी है और दूसरी बच्ची भी अपनी अंतिम सांसें गिन रही है। थोड़ी देर के बाद डॉक्टर ने दूसरी बच्ची को भी मृत घोषित कर दिया। यह खबर सुनकर परिचित और परिवार वाले भी अस्पताल पहुंच गए और डॉक्टरों से चर्चा करने लगे।
जीवित बच्ची को डॉक्टर्स ने बताया मृत
वहीं, इधर अस्पताल प्रबंधन ने दोनों बच्चियों के शव को लपेटने के लिए कफन लाने को कहा। पिता बच्चियों को दफनाने के लिए कपड़ा लेकर पहुंचे। इसी दौरान मृत बच्चियों को पॉलिथिन में पैक किया ही जा रहा था कि इनमें से एक बच्ची के शरीर में हलचल हुई। पिता ने बच्ची के शरीर में हलचल देखकर तुरंत डॉक्टर को बताया। इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन ने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। जब परिजनों ने डॉक्टर पर एक बार फिर बच्ची की जांच करने का दबाव बनाया, तो उसकी जांच की गई। इसमें पता चला कि बच्ची जिंदा है। ये बात चलते ही परिजनों ने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया।
डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप, एफआईआर दर्ज की मांग भी
दूसरी ओर अस्पताल में हंगामे की खबर सुनकर सिटी कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने परिजनों को समझा-बुझाकर शांत कराया। परिजनों ने उन्होंने अस्पताल की डॉक्टर मोनिका पाठक पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं और एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। सिटी कोतवाली प्रभारी विनीत दुबे ने बताया कि फिलहाल पुलिस ने मर्ग कायम कर एक मृत बच्ची के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है, जबकि परिजनों ने दूसरी जिंदा बच्ची को दूसरे अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया है। बच्ची डॉक्टरों की निगरानी में है। मामले की जांच की जा रही है।