अरुण तिवारी, BHOPAL. चुनाव के नतीजों के बाद लाड़ली बहना पर लाड़ जताने की तारीख फिर नजदीक आ गई है। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जब ये योजना शुरु की थी तो वे महीने की दस तारीख को एक क्लिक के साथ सवा करोड़ से ज्यादा लाड़ली बहनों के खाते में राशि जमा करते थे। चुनाव परिणाम के बाद नई सरकार बनी और इस सरकार के सामने पहली बार फिर वही तारीख आ गई जिसका लाड़ली बहना महीने भर इंतजार करती हैं। 10 जनवरी नजदीक है लेकिन सरकार के पास लाड़ली बहनों के हिस्से के 1600 करोड़ नहीं हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग ने वित्त विभाग को फाइल भेजकर ये पैसे मांगे हैं। अब वित्त विभाग को सीएम के साइन का इंतजार है।
क्रांतिकारी योजना थी लाड़ली बहना
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नए साल पर अपने संदेश में एक बार फिर बताया कि लाड़ली बहना योजना किस तरह से गेम चेंजर साबित हुई। शिवराज सिंह चौहान ने चुनाव के ऐन पहले महिलाओं के लिए लाड़ली बहना योजना शुरु की। हर महीने की दस तारीख को शिवराज बड़ा जलसा करते और महिलाओं के खाते में राशि जमा कर ये जताना नहीं भूलते कि वे ही सगे भाई हैं। एक बार फिर दस तारीख नजदीक आ रही है। दिसंबर तक का इंतजाम शिवराज ने कर दिया था। अब नई सरकार है और उसके सामने पहली बार ये दस तारीख आ रही है। शिवराज ने बुदनी में महिलाओं के सामने ये फिर दोहरा दिया है कि लाड़ली बहना योजना चलती रहेगी।
आखिर शिवराज को क्यों ये दोहराना पड़ रहा
10 जनवरी पास आ रही है और यही वो तारीख है जब लाड़ली बहनों पर लाड़ जताने का दिन होता है। लेकिन इस बार सरकार के पास लाड़ली बहनों के हिस्से के 1600 करोड़ नहीं हैं। ये बात तब पता चली जब महिला एवं बाल विकास विभाग ने वित्त विभाग के पास फाइल भेजी। इसमें वित्त विभाग से लाड़ली बहनों को देने के लिए 1600 करोड़ रुपए मांगे हैं। वित्त विभाग को इस फाइल पर सीएम मोहन यादव के हस्ताक्षर का इंतजार है। हालांकि मोहन यादव ने हाल ही में खरगोन में कहा था कि पुरानी कोई योजना बंद नहीं होगी।
मोहन यादव यह जरुर कहते हैं कि धन की कोई कमी नहीं है और पुरानी योजनाएं जारी रहेंगी, लेकिन वे अपनी जुबान पर लाड़ली बहना शब्द नहीं लाते। लाड़ली बहना चलेगी या नहीं इस पर सवाल जरूर उठ रहे हैं, लेकिन फिलहाल ये नजर नहीं आता कि योजना पर ब्रेक लगेगा। आने वाले समय में लोकसभा चुनाव हैं और सरकार महिलाओं की नाराजगी का जोखिम नहीं उठा सकती।