हरियाणा में नूंह हिंसा के बाद पंचायतों ने निकाला फरमान, गांवों में बाहरी मुसलमानों का प्रवेश निषेध, विवाद के बाद वापस लिया फैसला

author-image
Chandresh Sharma
एडिट
New Update
हरियाणा में नूंह हिंसा के बाद पंचायतों ने निकाला फरमान, गांवों में बाहरी मुसलमानों का प्रवेश निषेध, विवाद के बाद वापस लिया फैसला

Rewari. हरियाणा के नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद पूरे हरियाणा का माहौल बदला-बदला सा है। सांप्रदायिक हिंसा को देखते हुए वहां की पंचायतों ने एक ऐसा फरमान जारी कर दिया जिससे तनाव और बढ़ सकता था। दरअसल रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ और झज्जर की 50 से ज्यादा पंचायतों ने अपने यहां मुस्लिम व्यापारियों के प्रवेश पर रोक लगाने का पत्र जारी किया है। हालांकि यह पत्र केवल सोशल मीडिया में ही वायरल हो रहा था। पत्र में पंचायतों में रहने वाले मुस्लिमों से पुलिस के पास अपनी पहचान संबंधी दस्तावेज जमा कराने के भी निर्देश थे। 





पंचायतों को भेजा जाएगा नोटिस





इस तरह के पत्र सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद प्रशासन सचेत हो गया है। पत्र में यह कहा गया है कि हमारा इरादा किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं है। नारनौल के एसडीएम मनोज कुमार का कहना है कि किसी भी पत्र की हार्डकॉपी तो रिसीव नहीं हुई थी लेकिन सोशल मीडिया पर ऐसे पत्र वायरल हुए हैं। जिसके बाद सभी पंचायतों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दे दिए गए हैं। बता दें कि ऐसे पत्र जारी करने वाले अधिकांश गांवों में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग निवास नहीं करते। कुछ पंचायतों में इनकी संख्या बेहद कम है। 







  • यह भी पढ़ें 



  • नूंह हिंसा के दो आरोपियों का एनकाउंटर, सिलखो गांव की पहाड़ी में छिपकर पुलिस की टीम पर कर रहे थे फायरिंग






  • शांति के लिए लिया फैसला





    रेवाड़ी की पंचायत के सरपंच विकास का कहना है कि सारी इस प्रकार की घटनाएं तभी घटित हुईं जब बाहरी लोग हमारे गांवों में दाखिल होने लगे। नूंह झड़प के ठीक बाद हमने 1 अगस्त को पंचायत की ओर से शांति बनाए रखे के लिए उन्हें गांवों में प्रवेश नहीं करने देने का फैसला किया। जब कानूनी सलाहकार ने बताया कि धर्म या जाति के आधार पर ऐसा करना कानूनन जुर्म है, तो हमने पत्र वापस ले लिया। विकास का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि यह पत्र सोशल मीडिया में कैसे वायरल होने लगा। 





    किसी प्रकार का तनाव या चिंता नहीं





    दूसरी तरफ सरपंच विकास के ही गांव में 750 परिवार रहते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें ऐसी कोई चिंता नहीं है। गांव की चौपाल पर रोहतास सिंह ने बताया कि हमें उन मामलों से कोई मतलब नहीं जो हमसे संबंधित नहीं हैं। हम शांतिपूर्ण जीवन जीते हैं। नूंह में क्या हो रहा है इसकी जानकारी है, लेकिन उसका असर यहां नहीं है। 







    अल्पसंख्यकों में भी तनाव नहीं







    पास के ही कुंजपुरा गांव में अल्पसंख्यक समुदाय के 100 लोग निवासरत हैं। गांव की चौपाल पर व्यापारी माजिद ने बताया कि यहां हम सब एक साथ रहते हैं। नूंह के बारे में सुना है, लेकिन उसका यहां कोई असर नहीं है, हम यहां 4 पीढ़ियों से रह रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी शाजेब ने भी बताया कि गांव में उनके समुदाय के 80 मतदाता हैं। सभी यहां आपसी भाईचारे के साथ रहते हैं। नूंह हिंसा के वक्त लोगों का व्यवहार थोड़ा बदला-बदला जरूर है लेकिन अब सब ठीक है। 



    Haryana News हरियाणा न्यूज़ Decree of panchayats prohibition of entry of outsider Muslims letters went viral on social media पंचायतों का फरमान बाहरी मुसलमानों का प्रवेश निषेध सोशल मीडिया पर वायरल हुए लेटर