संजय गुप्ता, INDORE. मप्र में बीजेपी के यादव (ओबीसी) कार्ड खेलने के बाद कांग्रेस सकते में हैं, माना जा रहा है कि बीजेपी ने इस तरह ओबीसी वोटर्स को तो साधे ही रखा, वहीं यूपी और बिहार में भी यादव मतदाताओं को रिझाने की दोहरी नीति अपनाई है। यादव को अभी तक कांग्रेस का वोट बैंक माना जाता रहा है, वहीं यूपी में यह सपा के साथ जुड़े हैं। इसके बाद कांग्रेस में भी यादव नेताओं की पूछपरख बढ़ने लगी है। इंदौर विधानसभा एक में रणनीति समन्वयक रहे प्रदेश सचिव राकेश सिंह यादव को प्रदेश महासचिव बनाकर मैदानी स्तर पर संगठन बनाने का काम सौंपा गया है।
हाल ही में कमलनाथ से हुई थी मुलाकात
इंदौर के यादव की हाल ही में पूर्व सीएम कमलनाथ से लंबी मुलाकात हुई थी और संगठन स्तर पर पार्टी को मजबूत करने को लेकर रणनीति बनी थी। सीएम को लेकर मोहन यादव का नाम सामने आने के बाद पार्टी ने उन्हें महासचिव पद दे दिया। संगठन ने इंदौर विधानसभा एक में उनका काम देखा था, जिसके बाद यह जिम्मेदारी दी गई।
इधर शहर में कार्यवाहक अध्यक्षों की नियुक्ति जारी
उधर कांग्रेस में कार्यकर्ताओं को तवज्जो देने की जगह नेताओं को पद बांटने का क्रम जारी है। शहराध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा तो चुनाव के पहले नियुक्त हुए और फिर बाद में कार्यवाहक अध्यक्ष के तौर पर गोलू अग्निहोत्री को भी पद दे दिया। लेकिन चुनाव में करारी हार के बाद संगठन ने किसी के काम की समीक्षा करने की जगह धड़ल्ले से कार्यवाहक अध्यक्षों के पद बांट दिए। पहले देवेंद्र यादव, अमन बजाज, अरविंद बागड़ी और लक्ष्मी मिमरोट के आदेश हुए, इसके बाद अंकित खड़ायता और अभिनंदन उर्फ टंटू शर्मा को भी कार्यवाहक अध्यक्ष बनाने के आदेश हुए। शहर में एक अध्यक्ष और सात कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त हो गए हैं। वहीं मैदानी संगठन के कोई पते नहीं है और ना ही अभी तक किसी ने हार का जिम्मा लेकर इस्तीफा देने की बात कही।