INDORE. अगर सब कुछ ठीक रहा तो एआई रोबोट कमाल का काम दिखाने वाला है। वह घनी बस्तियों, तंग गलियों और जंगल में आग का पता लगाएगा और फिर उसे बुझाने का काम भी करेगा। ऐसा रोबोट इंदौर के एक इंजीनियरिंग स्टूडेंट ने बनाया है। इस मिनी रोबोट को कृत्रिम मेधा (एआई) की मदद से उन्नत बनाया जा रहा है। जिससे यह किसी स्थान पर लगी आग का खुद पता लगाकर उसे बुझा सकेगा।
'इन्टर्नशिप विद मेयर' के तहत विकसित किया रोबोट
इंदौर कार्पोरेशन से मिली जानकारी के मुताबिक मिनी रोबोट को इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव के शुरू किए गए 'इन्टर्नशिप विद मेयर' कार्यक्रम के तहत विकसित किया गया है। इस कार्यक्रम के माध्यम से शहर के युवाओं को नवाचारी अनुसंधान के लिए सरकारी मदद मुहैया कराई जाती है।
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रोबोट आग बुझाने के लिए फोम की बौछार करता है
‘इन्टर्नशिप विद मेयर’ कार्यक्रम से जुड़े मनोज जायसवाल ने मंगलवार (8 अगस्त) को बताया कि उनके द्वारा विकसित मिनी रोबोट को कोई भी ट्रेंड व्यक्ति मोबाइल फोन से जुड़े रिमोट कंट्रोल की मदद से चला सकता है। उन्होंने बताया कि यह रोबोट आग बुझाने के लिए फोम (झाग) की बौछार करता है।
रोबोट को लगातार विकसित कर रहा हूं
मनोज जायसवाल, इंदौर के एक निजी कॉलेज में ऑटोमेशन और रोबोटिक्स में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मैं कृत्रिम मेधा (एआई) पर आधारित मशीन लर्निंग मॉडल की मदद से रोबोट को लगातार विकसित कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि रोबोट किसी स्थान पर लगी आग को बिना किसी मानवीय दखल के खुद ढूंढकर बुझा सके।
मिनी रोबोट बनाने में दो लाख की लागतआई
इंजीनियरिंग स्टूडेंट मनोज जायसवाल ने बताया कि तीन महीने के अनुसंधान से तैयार मिनी रोबोट को बनाने में करीब दो लाख रुपए की लागत आई है। उन्होंने कहा कि मेरी योजना है कि निवेशकों की मदद से मिनी रोबोट का बड़े पैमाने पर निर्माण किया जाए। यह रोबोट अग्निशमन विभाग के साथ ही कारखानों, दफ्तरों और अन्य स्थानों पर तैनात किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि वह आग बुझाने वाले मिनी रोबोट के लिए पेटेंट हासिल करने की प्रक्रिया महीना भर पहले ही शुरू कर चुके हैं।