अजमेर में पायलट गुट की नेता ने गहलोत के करीबी पर लगाया झूठे केस में फंसाने का आरोप, सुलह कैसे होगी, रार तो नीचे तक है

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Chakresh
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अजमेर में पायलट गुट की नेता ने गहलोत के करीबी पर लगाया झूठे केस में फंसाने का आरोप, सुलह कैसे होगी, रार तो नीचे तक है

JAIPUR. राजस्थान कांग्रेस के दो बड़े नेताओं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच सुलह के दावे भले ही किए जा रहे हों, लेकिन हकीकत यह है कि दोनों गुटों के बीच अदावत निचले स्तर तक जा पहुंची है। ताजा मामला अजमेर का है, जहां पूर्व मंत्री और पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष नसीम अख्तर इंसाफ ने राजस्थान पर्यटन विकास के निगम के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ पर उनके खिलाफ झूठा केस दर्ज कराने का आरोप लगाया है। राठौड़ सीएम गहलोत के करीबी माने जाते हैं। हालांकि इस अदावत का मूल कारण अजमेर की पुष्कर विधानसभा सीट पर वर्चस्व की लड़ाई है। नसीम अख्तर इंसाफ यहां से विधायक रही हैं, वहीं बताया जा रहा है कि धर्मेन्द्र राठौड़ की इस सीट पर नजर है।





दाे दिन पहले हुआ था विवाद





दरअसल दो दिन पहले अजमेर ग्रामीण पंचायत समिति के विकास अधिकारी की ओर से सिविल लाइन्स थाने में नसीम अख्तर, उनके पति कांग्रेस नेता हाजी इंसाफ अली व पुत्र समेत करीब 15 जनों के खिलाफ राजकार्य में बाधा डालने व लोक सेवक से अभद्र व्यवहार करने का मामला दर्ज किया गया था। अब इसी मामले को लेकर अजमेर में राजनीति गर्मा रही है। नसीम अख्तर इंसाफ ने मीडिया को दिए बयान में वह कांग्रेस के सच्ची सिपाही हैं। ऐसे झूठे मुकदमों से वह डरने वाली नहीं हैं। उन्होंने कहा कि धर्मेंद्र सिंह राठौड़  कितने अधिकारियों से मिलकर कितने लोगों पर मुकदमे दर्ज करवाएंगे। उन्होंने कहा कि पुष्कर में नगर पालिका ईओ से पुष्कर नगरपालिका के कांग्रेस पार्षदों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करवाए गए। उसके बाद अजमेर उत्तर से कांग्रेस प्रत्याशी रहे महेंद्र सिंह रलावता के पुत्र शक्ति सिंह रलावता और उनके कार्यकर्ताओं पर मुकदमे दर्ज करवाए गए। उन्होंने कहा कि अब मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाए गए हैं। उन्होंने कहा कि उस दिन घटना की फोटो और वीडियो सभी देख लें। कुछ हॉट टॉक के अलावा और कोई दूसरी बात हुई ही नहीं।





क्या मैं डकैत हूं









गहलोत सरकार के पिछले कार्यकाल में शिक्षा राज्य मंत्री रहीं नसीम अख्तर ने कहा कि मुझ पर डकैती की धाराएं लगाई गई है। क्या मैं डकैत हूं? मैं कांग्रेस की एक सच्ची कार्यकर्ता हूं। मैंने अजमेर में जन्म लिया है और अजमेर से ही राजनीति करती हूं। मैंने पूरा जीवन अजमेर को दिया है।  मैं इनके कहने से पीछे हटने वाली नहीं हूं। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के काम नहीं होंगे तो एक बार नहीं, 10 बार अधिकारियों को कहूंगी।







वर्चस्व की लड़ाई है





दरअसल पुष्कर और अजमेर उत्तर विधानसभा सीटों पर कांग्रेस में वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। बताया जा रहा है कि धर्मेंद्र राठौड़ की नजर के पुष्कर और अजमेर उत्तर सीटों पर है। वे मुख्यमंत्री के करीबी हैं, इसलिए टिकट मिलने में ज्यादा परेशानी भी नहीं आएगी, लेकिन पुष्कर में उन्हें नसीम अख्तर इंसाफ से चुनौती मिल रही है, वहीं अजमेर उत्तर पिछले चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे महेंद्र सिंह रलावता उनके सामने हैं। यहां कुछ दिनों पहले ही रलावता और राठौड़ गुट के बीच काफी विवाद भी हुआ था। वर्चस्व की यह लड़ाई गहरा इसलिए गई है कि नसीम अख्तर पायलट गुट में हैं, जबकि राठौड सीएम के करीबी हैं। ऐसे में सवाल यह है कि दोनों बड़े नेताओं में सुलह हो भी जाती है तो फर्क क्या पड़ेगा क्योंकि रार तो नीचे तक है।



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