BHOPAL. मध्यप्रदेश में बारिश के लंबे ब्रेक ने किसानों के साथ-साथ सरकार के माथे पर भी बल ला दिए हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान मंदिर-मंदिर जाकर बारिश होने के लिए प्रार्थना कर रहे थे। और मौसम विभाग ने जो एडवाइजरी जारी की है उससे लगता है कि उनकी मुराद पूरी नहीं तो थोड़ी बहुत तो पूरी हो ही जाएगी। मौसम विभाग ने पूर्वी मध्यप्रदेश के डिंडोरी-मंडला और बालाघाट में अति भारी बारिश का अलर्ट जारी कर दिया है। बारिश का सिस्टम 18 से 19 सितंबर तक प्रभावी रहने का अनुमान लगाया गया है।
जबलपुर-सागर-रीवा और भोपाल में भी असर
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी वेदप्रकाश सिंह ने बताया है कि उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी से साइक्लोनिक सर्कुलेशन एक्टिव है। इससे कम दबाव का क्षेत्र बना है। मानसून टर्फ लाइन भी मध्यप्रदेश से गुजर रही है। जिसके चलते प्रदेश के पूर्वी हिस्से में अति भारी बारिश का अनुमान है। यहां 24 घंटे में 6 इंच तक बारिश हो सकती है। वहीं जबलपुर, सागर, रीवा, भोपाल और उज्जैन में भी बारिश का अनुमान है।
पश्चिमी हिस्से में अभी और इंतजार
हालांकि बारिश के इस नए सिस्टम से पश्चिमी मध्यप्रदेश में बारिश की संभावनाएं नगण्य हैं। प्रदेश में ओवरऑल वर्षा का आंकड़ा गिरते हुए 19 फीसदी तक आ गया है। इसमें पूर्वी हिस्से में सामान्य से 15 प्रतिशत कम बारिश और पश्चिमी हिस्से में 22 प्रतिशत कम बारिश दर्ज हुई है।
नरसिंहपुर में हुई सबसे ज्यादा बारिश
मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इस साल अब तक नरसिंहपुर जिले में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई। यहां अब तक 41 इंच बारिश हो चुकी है। वहीं सिवनी में 37.53 इंच, मंडला और जबलपुर में 35 इंच, डिंडोरी में 34 इंच बारिश दर्ज की गइ्र। इसके अलावा इंदौर, बालाघाट, अनूपपुर, छिंदवाड़ा, सागर, पन्ना, उमरिया, शहडोल, रायसेन और नर्मदापुरम का बारिश का आंकड़ा 28 इंच पर ही अटका हुआ है। दूसरी तरफ बैतूल, निवाड़ी, दमोह, कटनी, भिंड, हरदा, सीहोर, विदिशा और रतलाम में बारिश का आंकड़ा 24 इंच पर है।
यहां सबसे कम बारिश
सबसे कम बारिश की बात की जाए तो ग्वालियर, बड़वानी, मंदसौर और खरगोन में सबसे कम बादल बरसे हैं। यहां मौसम विभाग का आंकड़ा 20 इंच बारिश ही दर्शा रहा है।