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Jabalpur. मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ में इस 15 अगस्त से एक नई पहल की शुरुआत कर दी है। जिसके तहत उनके साथ-साथ हाई कोर्ट के समस्त न्यायाधीश अपने वेतन में से 5-5 हजार रुपए दान करेंगे। हर माह इकट्ठा होने वाले इस फंड से जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई और कमजोर वर्ग के लोगों का इलाज कराया जाएगा। जजों की इस पहल से हर साल 19 लाख 80 हजार रुपए जमा होंगे।
संस्था का भी हुआ गठन
इस फंड को खर्च करने एक संस्था का भी गठन किया गया है, संस्था के जरिए ही समाज के कमजोर वर्ग को आर्थिक मदद प्रदान की जाएगा। दरअसल 15 अगस्त को वेतन में से 5-5 हजार रुपए दान करने की घोषणा हुई थी। मुख्य न्यायाधीश के साथ-साथ हाई कोर्ट में 33 न्यायाधीश हैं। वहीं इंदौर खंडपीठ में 8 जजेस हैं।
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पहले भी किए कई फेरबदल
हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इससे पहले भी कई नवाचार कर चुके हैं। इससे पहले उन्होंने हाई कोर्ट की अदालतों को 10.15 मिनट पर शुरु करने की पहल की थी। शुरुआत में वकीलों ने नाराजगी जताई लेकिन एक बार शुरु हुआ सिलसिला अभी तक जारी है। साथ ही रिट अपील का निराकरण तेजी से करने का भी नवाचार किया जा चुका है।
अधिवक्ता एचएन मिश्रा और देवेश शर्मा ने बताया कि अदालतों में अभी तक कमजोर वर्ग के लोगों को निशुल्क न्याय दिलाने की व्यवस्था की जाती रही है। लेकिन अब कमजोर वर्ग के लोगों को पढ़ाई और इलाज के साथ-साथ अन्य मदद करने की भी पहल की गई है। अब चीफ जस्टिस द्वारा समस्त न्यायाधीशों को समाजसेवा के लिए वेतन से अंशदान देने की पहल की गई है, जो कि प्रशंसनीय कार्य है।
इसके अलावा हाई कोर्ट सामाजिक इंजीनियरिंग का काम भी बखूबी कर रहा है। समाज के प्रबुद्धजनों को आपसी झगड़े निपटाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। कोर्ट की बजाय लोगों को समाज के बीच बैठकर ही झगड़े सुलझाने प्रेरित किया जा रहा है। पति-पत्नी के विवाद हों या फिर , आपसी कहासुनी के मामले इन्हें समाज के बीच आपसी रजामंदी से सुलझाने पर बल दिया जा रहा है। अब तक 25 से ज्यादा समाज के लोगों को इसकी ट्रेनिंग दी जा चुकी है।
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