JAISALMER. राजस्थान के जैसलमेर में नगर परिषद ने सोमवार, 7 अगस्त को कई जगह से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। जिसके के विरोध में नाराज लोगों ने अगले दिन मंगलवार को नगर परिषद पर जाति देखकर अतिक्रमण की कार्रवाई करने का आरोप लगाया और परिषद कार्यालय का घेराव कर जमकर नारेबाजी की। उधर,अफसरों ने लोगों के आरोप को सिरे से खारिज कर दिया।
नगर परिषद पर जाति विशेष की दुकानें हटाने का आरोप
जानकारी के अनुसार, नगर परिषद के दस्ते ने सोमवार को जैसलमेर के गड़ीसर चौराहे और यूनियन चौराहे पर कई जगह से अतिक्रमण हटाया। इसके बाद मंगलवार को लोगों ने नगर परिषद के अफसरों पर जाति विशेष की दुकानें हटाने का आरोप लगाया। उन्होंने इसके विरोध में नगर परिषद कार्यालय पहुंचकर जमकर नारेबाजी और हंगामा किया। इस दौरान अफसरों और प्रदर्शनकारियों में जमकर बहस हुई। कुछ देर बाद वहां धक्का-मुक्की होने लगी। इसके बाद पुलिस ने पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में किया।
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समान रूप से कार्रवाई की मांग, ज्ञापन सौंपा
केबिन धारक तिलोकराम ओड ने बताया कि कल लगभग दो से ढाई बजे के बीच आरओ साहब मेरी केबिन पर आए और मुझे केबिन हटाने के लिए बोला। यह भी कहा कि अगर नहीं हटाया तो हम कार्रवाई करेंगे। इसके बाद आधे घंटे में उन्होंने जेसीबी से उनका ढाबा तोड़ दिया। जबकि उस चौराहे पर 50 और अवैध केबिन रखी हुई थीं, उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। ओड बताया कि गरीब होने के कारण उनका ढाबा तोड़ा गय। इसके विरोध में उन्होंने ज्ञापन देकर मांग की कि नगर परिषद सभी पर समान रूप से कार्रवाई करे।
'एक व्यक्ति को टारगेट कर दुकान तोड़ी'
अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर ओड समाज के नेता और बीजेपी के फलोदी विधानसभा के प्रभारी ने बताया कि हमारे समाज के एक व्यक्ति को टारगेट कर उसकी दुकान तोड़ी गई है। इसे लेकर ही नगर परिषद का घेराव किया गया था। अतिक्रमण की कार्रवाई में सिर्फ एक व्यक्ति को लक्ष्य किया गया, जो गलत है। आयुक्त से मिलने पर उन्होंने आश्वासन दिया कि वहां दुकान लगा सकते हैं।
अधिकारी ने कहा- रूटीन कार्रवाई के तहत अतिक्रमण हटाया
इस मामले में आयुक्त लजपाल सिंह ने बताया कि हमारे पास रोज शिकायतें आ रही थी। सोशल मीडिया से भी जानकारी मिल रही थी कि शहर के मुख्य चौराहों पर अतिक्रमण हो रहा है। ऐसा ही पंढर पुरी चाय की ब्रांडिंग के नाम से दो स्थानों पर अतिक्रमण किया गया। इसे हटाने के लिए सोमवार को अभियान चलाकर कार्रवाई की गई। उन्होंने बताया कि इसे लेकर कुछ लोग कार्यालय आए और आरोप लगाया कि जाति विशेष को टारगेट कर कार्रवाई की है। जबकि ऐसा कुछ नहीं हुआ, बल्कि जो लोग लगातार अतिक्रमण बढ़ाकर ट्रैफिक में बाधा पहुंचा रहे थे, सिर्फ उनके ही खिलाफ कार्रवाई की गई। ये नगर परिषद की रूटीन कार्रवाई है।