सागर में करप्शन की भेंट चढ़े अमृत सरोवर तालाब, सरपंच-सचिव ने खाई सारी मलाई, केवल जेसीबी चलवाकर ले ली गई पेमेंट

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Chandresh Sharma
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सागर में करप्शन की भेंट चढ़े अमृत सरोवर तालाब, सरपंच-सचिव ने खाई सारी मलाई, केवल जेसीबी चलवाकर ले ली गई पेमेंट

Sagar, Neelesh Kumar. केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना अमृत सरोवर योजना के अंतर्गत खोदे गए तालाब सागर जिले सहित रहली विधानसभा  क्षेत्र में भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गए हैं। हालत यह है कि इन तालाबों की स्वीकृति के लिए इंजीनियरों ने ऐसी बाजीगिरी दिखाई कि ऐसी जगह तालाब निर्माण होने हेतु लेआउट दिया कि कोई सोच भी नही सकता। अधिकारियों की मिली भगत से  इंजीनियरों द्वारा पहले से ही तालाब युक्त जगह का लेआउट दिया गया, फिर सरपंच सचिव द्वारा जेसीबी चलवाकर कार्यों की खानापूर्ति कर राशि आहरित कर ली गई। ऐसा ही एक मामला रहली जनपद की ग्राम पंचायत कदला में देखने को मिला जहां पर एक अमृत सरोवर तालाब जिसकी लागत तेरह लाख रुपए थी। जिसमें ना तो पिचिंग की गई, न ही पूर्ण रूप से तालाब भी नहीं खोदा गया, पुरानी गहरी जगह पर तालाब पर आठ दस घंटे जेसीबी चलवाकर सरपंच द्वारा 9 लाख रुपए की राशि आहरित कर ली गई।



गहरीकरण के नाम पर किया मुरम का खनन




दूसरी ओर इसी पंचायत में एक तालाब के जीर्णाेधार के 9 लाख रुपए स्वीकृत हुए। जहां पर पहले से ही तालाब खुदा था, उस तालाब से ठेकेदार द्वारा बगैर रॉयल्टी लिए सड़क निर्माण में भारी अवैध मुरम का खनन किया गया और करोड़ों रुपए की मुरम  ठेकेदार द्वारा शाहपुर से ज्वाय तक हो रहे सड़क निर्माण कार्य हेतु उपयोग में लाई गई। जिसका मूल्यांकन पंचायत ने कराके 3 लाख 65 रुपए से अधिक की राशि आहरित कर ली गई। जबकि इन तालाबों के स्थल चयन से लेकर खुदाई होने तक कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ, जनपद के अधिकारियों ने कई बार निरीक्षण किया लेकिन किसी का ध्यान इस बात पर नही गया कि  इंजीनियर ने गहरी जगह का लेआउट किसको लाभ पहुंचाने के लिए दिया गया।




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    उक्त तालाब एक साल बीत जाने के बाद भी नही बन पाया है। रहली क्षेत्र में अमृत सरोवर तालाब अधूरे पड़े है। लेकिन जैसे जैसे समय बीतता जा रहा है, अधिकारियों की मिलीभगत से सरपंच, सचिव राशि आहरित कर मजा मार रहे हैं। ज्ञात हो कि कदला पंचायत में गंगाझोर तालाब जीर्णाेधार के हेतु 9 लाख रुपए में से एवं अमृत सरोवर बनाने के लिए 13 लाख रुपए स्वीकृत हुए थे, उसमे से 9 लाख रुपए आहरण हो चुके हैं। जिले भर में 111 अमृत तालाबों की स्वीकृति शासन से मिली थी, जिनके निर्माण में भारी हेराफेरी होने के चलते जांच होती है तो अधिकारियों से लेकर सरपंच, सचिव पर तलवार लटकने में देर नहीं लगेगी।  



    वही जब सागर जिले के नय जिला सी ई ओ पीसी शर्मा से इन अमृत सरोवर तलाब में हुए भ्रष्टाचार के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि जब तक इस अमृत सरोवर तालाब में हुये भ्रष्टाचार की लिखित शिकायत नहीं आती। तब तक इस पर कुछ नहीं कर सकते। पर बता दें के इनसे पहले जिला सी ई औ से लेकर मुख्यमंत्री तक इस अमृत सरोवर तालाब के घोटाले में शिकायत कर चुके कांग्रेस के जिला शहर सेवा दल अध्यक्ष सिंटू कटारे से पूछा तो उन्होंने सागर जिला प्रशासन के अधिकारियों और प्रदेश सरकार जम तंज कसा कर कहा कि अगर सत्ता में फिर कांग्रेस पार्टी की वापसी होती है तो सभी भ्रष्टाचारी,  चाहे वो अधिकारी हों या सरपंच-सचिव सब पर कड़ी कार्रवाई कराई जाएगी। 

     


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