संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर के भूमाफिया की 3 कॉलोनियों के पीड़ितों के निराकरण के लिए बनी हाईकोर्ट कमेटी के सामने कुछ लोगों ने फिनिक्स कॉलोनी के दस्तावेज भी सामने रख दिए हैं। इसमें चौंकाने वाली बात सामने आई है कि इस कॉलोनी में सेवाराम नाम के किसान की भी कैलोद हाला की जमीन थी। इस किसान की मौत साल 2005 में ही हो गई थी, लेकिन फिनिक्स कंपनी के डायरेक्टर जिसमें नीलेश अजमेरा की अहम भूमिका थी, उसने विकास मंजूरी के लिए साल 2009 में जिन किसानों के नाम पर आवेदन लगाया था। उसमें सेवाराम भी शामिल था। सेवाराम के नाम से विकास मंजूरी के आवेदन के आधार पर तत्कालीन एसडीओ ने कलेक्टोरेट से विकास मंजूरी 23 मार्च 2009 में जारी कर दी।
शपथ पत्र से लेकर सभी पर सेवाराम का नाम
11 हेक्टेयर से ज्यादा की जमीन पर बनी इस कॉलोनी में सेवाराम सहित कई किसानों की जमीन थी और इसे डेवलप करने के लिए फिनिक्स डेवकॉन कंपनी बनी जिसमें नीलेश अजमेरा, रितेश उर्फ चंपू अजमेरा डायरेक्टर रहे। इन किसानों के साथ जमीन देने का शपथ पत्र भी बना, जो नीलेश ने पेश किया था, इसमें भी सेवाराम का नाम और हस्ताक्षर है। इसके साथ ही विकास मंजूरी से लेकर बंधक प्लॉट मुक्ति इन सभी पर सेवाराम के हस्ताक्षर मौजूद हैं। हस्ताक्षर के नाम पर केवल सेवाराम नाम लिखा गया है।
3 महीने में विकास काम भी कर डाला और बंधक प्लॉट ले लिए
इस खेल में जिला प्रशासन पर भी उंगलियां उठ रही हैं। चंपू और नीलेश ने विकास मंजूरी 23 मार्च 2009 को कलेक्टोरेट से ली। तत्कालीन एसडीओ द्वारा ये जारी कर दी गई। इसके बाद इन्होंने केवल 3 महीने में ही विकास काम भी पूरा कर लिया, जिसके आधार पर फिर एसडीओ द्वारा 2 जून 2009 में ही बंधक प्लॉट मुक्ति का आदेश जारी कर दिया। 11 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन पर सड़क, बिजली, पानी, सीवरेज जैसी सभी मूलभूत सुविधाओं का विकास भूमाफिया ने मात्र 40 दिन में कर डाला और प्रशासन ने सभी से रिपोर्ट लेकर बंधक प्लॉट भी मुक्त कर दिए।
हैंडराइटिंग एक्सपर्ट आज पहुंचेगे कमेटी के सामने
उधर डायरियों में हुए सौदों की सच्चाई जानने के लिए कमेटी ने हैंडराइटिंग एक्सपर्ट को बुलाया है, लेकिन हैप्पी धवन नहीं पहुंचे, जिनके अधिकांश डायरियों में साइन हैं। उनके यहां गमी होने के चलते 1 दिन का समय दिया। बताया जा रहा है कि वो गुरुवार को कमेटी के सामने पेश होंगे। इसके बाद सभी डायरियों को जांच के लिए एक्सपर्ट को दिया जाएगा। इसके बाद इनमें कमेटी आगे अनुशंसा करेगी।
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उधर आर्जव अजमेरा गायब, पुलिस भी सुस्त
वहीं चंपू अजमेरा का बेटा आर्जव बाणगंगा थाने में केस दर्ज होने के बाद से ही गायब हो गया है। सूत्रों के अनुसार उसे FIR के बाद ही अगले दिन उसे जयपुर पहुंचा दिया गया। वहां भी उसके पास जमीन होने की खबर है, जहां कॉलोनी काटी जा रही है, जिसमें स्थानीय कुछ लोग पार्टनर हैं। वहीं पुलिस ने अभी गिरफ्तारी के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। उल्लेखनीय है कि पुलिस के हाथ आज तक नीलेश अजमेरा भी नहीं लगा है। चंपू भी लंबे समय तक फरार रहा और बाद में पकड़ा गया था।