संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में भूमाफिया चंपू अजमेरा का एक और खेल सामने आया है। चंपू ने अपने रिश्तेदार और कर्मचारी सचिन अजमेरा के जरिए सेटेलाइट कॉलोनी के पास की करीब दो एकड़ जमीन खरीद ली है। यह जमीन सुप्रीम कोर्ट के आदेश से हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान ही अक्टूबर 2022 में खरीदी गई है। वहीं जिला प्रशासन (नायब तहसीलदार जूनी इंदौर) ने भी ताबड़तोड़ दो दिसंबर 2022 में इसका नामांतरण सचिन अजमेरा की कंपनी डायमंड इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर नामांतरित कर दी। सचिन अजमेरा, चंपू का ही रिश्तेदार है, जिसे उसने कर्मचारी के तौर पर रखा हुआ है। हाल ही में सचिन ने हाईकोर्ट कमेटी की सुनवाई के दौरान भी कुछ प्लॉटधारकों को फोन करके दबाव बनाया था।
जमीन की खरीदी-बिक्री पर तो साल 2010 से स्टे
जो जमीन बिकी है उसका सर्वे नंबर 145/1, 149/1 और 148 की कुल 0.843 हेक्टेयर यानी करीब दो एकड़ है। यह जमीन संजय लुणावत द्वारा सचिन अजमेरा की कंपनी डायमंड इन्फ्रास्ट्रक्चर को तीन अक्टूबर 2022 को बेच दी गई और फिर जिला प्रशासन ने दो दिसंबर 2022 को नामांतरण भी कर दी। जबकि इस जमीन की खरीदी-बिक्री पर जिला कोर्ट के नवंबर 2010 के आदेश से ही रोक लगी हुई है। वहीं सूत्रों के अनुसार ना इस जमीन को खरीद लिया गया है, बल्कि कुछ दलालों के माध्यम से यहां कुछ प्लॉट की भी बुकिंग कर ली गई है।
जिला कोर्ट में गए फरियादी फिर लाए स्टे
इस जमीन के नामांतरण की जानकारी हाल ही में चंद्राप्रभू होम्स कंपनी संचालकों को मिली, जिसके बाद उन्होंने जिला कोर्ट में आवेदन लगाया। जिला कोर्ट ने इस मामले में 11 अगस्त को ही स्टे आर्डर को कंटीन्यू करते हुए कहा है कि जमीन पर पूर्व आदेश से स्टे जारी है और ऐसे में खरीदी-बिक्री नहीं हो सकती है। संबंधित पक्षकार डायमंड इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी आदेश दिए गए हैं कि वह इस जमीन पर कोई भार नहीं लाए, कोई खरीदी-बिक्री नहीं करे। कोर्ट ने अगली सुनवाई 26 अगस्त की लगाई है।
जमीन को लेकर जाहिर सूचना हुई जारी
इस मामले में फरियादी चंद्राप्रभु होम्स ने जाहिर सूचना भी जारी कर दी है और इस सर्वे नंबर पर खरीदी-बिक्री नहीं करने को लेकर चेतावनी दी है। इस पर जिला कोर्ट का स्टे साल 2010 से जारी है और अभी भी फिर से आदेश जारी कर स्टे को जारी किया गया है। ऐसे में फिलहाल खरीदी-बिक्री नहीं हो सकती है। वैसे यहां की 1.840 हेक्टेयर जमीन को लेकर विवाद साल 2006 से ही चल रहा है। इसमें इन सर्वे नंबर के साथ कुछ अन्य सर्वे नंबर भी है। यह जमीन चंद्राप्रभु होम्स, रतनलाल जैन, नितलेश जैन, संजय लुणावत के नाम पर है। इसमें से यह तीन सर्वे नंबर की दो एकड़ जमीन लुणावत ने सचिन अजमेरा को बेच दी और रजिस्ट्री करा दी, जबकि स्टे लगा हुआ था। इसी पूर्व के स्टे के आधार पर जिला कोर्ट ने इसे जारी रखने का बात कहते हुए आदेश जारी किया है। उल्लेखनीय है कि जमीन के एक और खेल के चलते जिला प्रशासन ने चंपू अजमेरा के बेटे आर्जव अजमेरा के खिलाफ भी विविध धाराओं में बाणगंगा थाने में एफआईआर कराई थी। इस केस में उसका बेटा अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर ही है।