BHOPAL. राजधानी के 10 नंबर मार्केट स्थित अरोरा ज्वैलर्स के संचालक के खिलाफ सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने 6.11 करोड़ रुपए की ठगी का केस दर्ज किया है। CBI ने अरोरा ज्वैलर्स की संचालक विजय लक्ष्मी अरोरा, गारंटर सतीश अरोरा और अज्ञात सरकारी और निजी कर्मचारियों को मामले में आरोपी बनाया है। ज्वैलर्स और उसके संचालकों के खिलाफ सीबीआई ने धोखाधड़ी का केस बैंक ऑफ इंडिया के चीफ मैनेजर अमित कुमार मित्तल की शिकायत पर किया है।
क्या है पूरा मामला
भोपाल सीबीआई में दर्ज एफआईआर के मुताबिक अरेरा कॉलोनी 10 नंबर मार्केट स्थित अरोरा ज्वैलर्स की संचालक विजय लक्ष्मी अरोरा (पत्नी सतीश अरोरा) ने लोकसेवकों और निजी व्यक्तियों के साथ मिलकर बैंक द्वारा दी गई क्रेडिट लिमिट का दुरुपयोग करते हुए 6.11 करोड़ रुपए के फंड की हेराफेरी की। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2013 में अरोरा ज्वैलर्स की संचालक विजय लक्ष्मी अरोरा ने अवधपुरी स्थित बैंक ऑफ इंडिया (BOI) दफ्तर में अपने बिजनेस (फ्रेंचाइजी - सेनको गोल्ड) को बढ़ाने के लिए 6 करोड़ रुपए की क्रेडिट लिमिट की डिमांड की थी। बीओआई के तत्कालीन अफसरों ने दस्तावेजी जांच के बाद 19 जून 2013 को 6 करोड़ रुपए की कैश क्रेडिट लिमिट स्वीकृत की थी। इस कैश क्रेडिट के लिए अरोरा ज्वैलर्स की संचालक विजय लक्ष्मी अरोरा ने तीन अवधपुरी के दो प्लॉट और खजूरीकलां गांव की डायवर्टिड 2020 वर्गफीट जमीन को बैंक में गारंटी के रूप में मॉर्डगेज किया था। गिरवी रखे गए प्लॉट में एक प्लॉट विजय लक्ष्मी अरोरा के पति सतीश अरोरा का था।
बिक चुके प्लॉट को रखा बैंक में गिरवी
अरोरा ज्वैलर्स की संचालक विजय लक्ष्मी अरोरा पर आरोप है कि उन्होंने बैंक से कैश क्रेडिट लिमिट लेने के लिए पति सतीश अरोरा के अवधपुरी स्थित प्लॉट नंबर A-44 मार्डगेज किया था। बैंक में जमा दस्तावेजों में सतीश अरोरा को गारंटर बताया गया था। लेकिन, सतीश अरोरा ने बैंक में मार्डगेज हुए प्लॉट को 34.12 लाख रुपए में बेच दिया। ज्वैलरी शोरूम संचालक विजय लक्ष्मी अरोरा और उनके पति सतीश अरोरा ने ऐसा साजिश के तहत किया।
कैश क्रेडिट का उपयोग, बैंक को नहीं लौटाया फंड
ज्वैलरी शोरूम संचालक विजय लक्ष्मी अरोरा ने बैंक ऑफ इंडिया से स्वीकृत 6 करोड़ रुपए की कैश क्रेडिट लिमिट का उपयोग किया। अकाउंट से स्वीकृत क्रेडिट के अनुसार 6 करोड़ रुपए ज्वैलरी कारोबारी अरोरा ने निकाले। लेकिन, बैंक से क्रेडिट लोन के रूप में लिए अमाउंट को वापस नहीं लौटाया। साथ ही 2018 से बैंक को ज्वैलरी शोरूम का स्टॉक स्टेटमेंट भेजना बंद कर दिया। इसके चलते दिसंबर 2018 में अरोरा ज्वैलर्स पर बैंक की बकाया रकम 6 करोड़ 11 लाख 16 हजार 873 रुपए हो गई।
सितंबर 2018 में शोरूम में 8. 22 करोड़ की ज्वैलरी का स्टॉक, चार महीने बाद रह गए 20 लाख
बैंक ऑफ इंडिया ने क्रेडिट फेसिलिटी के तहत सितंबर 2018 में ज्वैलरी शोरूम का रिकवरी ऑडिट किया। इस ऑडिट के दौरान ज्वैलरी शोरूम में 822.11 लाख (8 करोड़ 22 लाख 11 हजार) रुपए का सामान का स्टॉक मिला। लेकिन, लोन की रिकवरी नहीं होने के कारण जब जनवरी 2019 में दोबारा बैंक ने शोरूम के स्टेटमेंट में महज 20 लाख रुपए का सामान ही मिला।
बिना सूचना ज्वैलरी शोरूम बंद कर साड़ी-कपड़ों का कारोबार शुरू किया
सीबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक अरोरा ज्वैलर्स की संचालक विजय लक्ष्मी अरोरा ने 10 नंबर मार्केट स्थित अरोरा ज्वैलर्स के शोरूम को अचानक बंद कर दिया। इसकी सूचना न तो बैंक को दी। न ही किसी दूसरी एजेंसी को। इतना ही नहीं, ज्वैलरी शोरूम वाली दुकान में साड़ी और कपड़ों के कारोबार की दुकान शुरू कर दी। जो बैंक से 6 करोड़ रुपए की कैश क्रेडिट लिमिट लेते समय किए गए एग्रीमेंट का उल्लंघन है।