GWALIOR. भिंड से बीजेपी विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह के खिलाफ ग्वालियर जिला एवं सत्र न्यायालय की एमपी एमएलए कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। विधायक के कोर्ट में उपस्थित नहीं होने पर यह वारंट जारी किया गया है। विधायक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद हड़कंप मच गया है। बीजेपी के नवनिर्वाचित विधायक नरेंद्र सिंह के खिलाफ भिंड के देहात थाने में दलित व्यक्ति को बंधक बनाकर मारपीट करने और जातिगत टिप्पणी करने के मामले में केस दर्ज है।
कोर्ट में उपस्थित नहीं होने पर वारंट जारी
दलित उत्पीड़न के मामले में भिंड देहात थाने में नरेंद्र सिंह कुशवाह और केशव देसाई समेत चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। अब यह मामला ग्वालियर की एमपी एमएलए कोर्ट में चल रहा है। इस मामले में विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह को बुधवार को कोर्ट में पेश होना था लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए। वहीं गोहद से कांग्रेस विधायक केशव देसाई कोर्ट में पेश हुए। जिसके बाद कोर्ट ने नरेंद्र सिंह कुशवाह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने ग्वालियर और भिंड के पुलिस अधीक्षक को नरेंद्र सिंह कुशवाह को कोर्ट में पेश करने के लिए निर्देशित किया है। मामले में अगली सुनवाई 8 जनवरी को तय की गई है।
क्या है पूरा मामला
पूरा मामला 2015 में भिंड में जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव का है। इस चुनाव में दलित समुदाय से आने वाले बाबूराम जामौर भी सदस्य के रूप में वार्ड नबंर छह जवासा से अपना नामांकन दाखिल करना चाह रहे थे। वहीं इस वार्ड से भिंड विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह की पत्नी मिथलेश कुशवाह अपना नामांकन दाखिल करने की तैयारी में थीं। इसी बात को लेकर नरेंद्र सिंह कुशवाह ने गोहद विधायक केशव देसाई और उनके समर्थकों ने बाबूराम जामौर को बीच बाजार से अगवा कर लिया और जंगल में ले जाकर उनके साथ जमकर मारपीट की उनका अपमान भी किया गया। चुनावी रंजिश के चलते बाबूलाल को अगवा करके धमकाया गया।
दोनों विधायकों समेत 4 आरोपियों के खिलाफ दर्ज है केस
इस मामले में पुलिस ने नरेंद्र सिंह कुशवाह, केशव देसाई सहित दो अन्य आरोपियों के खिलाफ दलित उत्पीड़न अवैध निरोध में रखने और धमकाने की धाराओं में केस दर्ज किया था। यह मामला एमपी एमएलए कोर्ट में लंबे अरसे से विचाराधीन है। न्यायालय ने पहले में भी आरोपियों को अपने बयान दर्ज करने के लिए निर्देशित किया था।