मनीष गोधा, JAIPUR. नेतृत्व को लेकर चल रहे संघर्ष के चलते राजस्थान में बीजेपी भले ही सामूहिक नेतृत्व की बात कर रही हो, लेकिन पार्टी की चार परिवर्तन यात्राओं की शुरुआत के लिए हुई सभाओं को देखें तो चेहरा पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ही बनती नजर आ रहीं हैं। हालांकि, पार्टी ने हर क्षेत्र में वहां के बडे़ चेहरों को आगे रखा और उन्हें पूरी अहमियत भी दी, लेकिन इन सभाओं में केन्द्रीय नेताओं ने जो संकेत दिए और जनता की ओर से जिस तरह का रिस्पॉन्स मिला, वह इशारा कर रहा है कि पार्टी घोषित भले ही ना करे, लेकिन राजे को चेहरे के रूप में आगे बढ़ा रही है।
राजस्थान बीजेपी में नेतृत्व को लेकर अलग-अलग नेताओ के बीच खींचतान जगजाहिर है और इसी को टालने के लिए पार्टी ने इस बार किसी एक चेहरे को आगे करने के बजाए सामूहिक नेतृत्व की बात की है। यही कारण रहा कि चुनाव से पूर्व निकलने वाली यात्रा जो पिछले चार चुनाव से सिर्फ वसुंधरा राजे ही निकालती आ रही थीं, उसके चार हिस्से कर दिए गए और इनका नेतृत्व भी किसी एक नेता को सौंपने के बजाए यह तय किया गया कि पार्टी के सभी बडे़ चेहरे अलग-अलग समय पर इन यात्राओं में शामिल होंगे और सभी हिस्सों में जाएंगे। इसे वसुंधरा राजे के लिए एक झटके की तरह माना जा रहा था, लेकिन अब इन यात्राओं की शुरुआती सभाओं में वसुंधरा राजे ही पार्टी के लिए सबसे बड़ा चेहरा बनती दिख रहीं हैं।
इस तरह मिल रहे संकेत
- इन सभाओ की शुरुआत के लिए चार केन्द्रीय नेताओं पार्टी अध्यख जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को बुलाया गया और सभी ने जनता के बीच राजे का गर्मजोशी और विशेषणों के साथ परिचय दिया।
अब नजरें प्रधानमंत्री मोदी पर
यात्राओं की शुरुआत तो हो गई अब देखना यह होगा कि जहां राजे की सभाएं होंगी, वहां अन्य नेताओं के मुकाबले उन्हें कैसा रिस्पॉन्स मिलता है और इसके बाद नजर रहेगी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभा पर जो इन यात्राओं की समाप्ति के बाद 25 या 26 सितंबर को जयपुर में होगीं। पार्टी इसे चुनाव से पहले की सबसे बड़ी सभा बनाने की तैयारी कर रही है। पीएम मोदी राजस्थान में अब तक की अपनी सभाओं में राजे और अन्य नेताओं को ज्यादा महत्व देते नजर नहीं आए हैं। ऐसे में उनकी सभा में राजे का जलवा कायम रहता है तो पार्टी के चेहरे के रूप में उन पर मुहर लग जाएगी।