BHOPAL. डाउन सिंड्रोम से पीड़ित 9 वर्षीय अवनीश तिवारी अपनी पीड़ा को भूल छोटी सी उम्र में बच्चों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। अवनीश मध्यप्रदेश के इंदौर का रहने वाला है। मप्र से एकमात्र अवनीश का ही चयन इस पुरस्कार के लिए हुआ है और ये सबसे कम उम्र के अवार्डी हैं। बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को उन्हें विज्ञान भवन में पीएम राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित करेंगी। वहीं 23 जनवरी को अवनीश पीएम नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे। जानकारी के मुताबिक इस वर्ष ये पुरस्कार 19 बच्चों को दिया जा रहा है और ये सभी बच्चे गणतंत्र दिवस की परेड में भी शामिल होंगे।
माता-पिता ने 1 साल की उम्र में छोड़ा था अनाथ आश्रम में
बताया जाता है कि अवनीश जब केवल 1 साल के थे, तभी उनके माता-पिता ने उन्हें बायोलॉजिकल जेनेटिक क्रोमोसोम डिसऑर्डर से पीड़ित होने के कारण एक अनाथ आश्रम में छोड़ दिया था। बता दें कि अवनीश के दिल में जन्म से ही छेद है और उनके घुटने भी ठीक नहीं है। साथ ही वे कई शारीरिक परेशानियों का सामना भी कर रहे हैं। कहा जाता है कि जब अवनीश अनाथ आश्रम में रहने लगे, उस समय शहर के आदित्य तिवारी ने उन्हें गोद लेना चाहा था, लेकिन किसी कारणवश वे अवनीश को गोद नहीं ले सके। उन्होंने अवनीश को पाने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई भी लड़ी। उसके बाद ही कारा ने सिंगल लोगों के लिए नियमों में बदलाव किया था। बता दें कि अवनीश का ये दूसरा राष्ट्रीय पुरस्कार है। साथ ही उन्हें सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग बाल पुरस्कार भी मिल चुका है।
अब तक अवनीश के नाम पर चार वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज
बता दें कि अब तक अवनीश के नाम पर चार वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज किए जा चुके हैं। उन्हें 30 से ज्यादा एक्सीलेंस अवार्ड भी मिल चुके है। वर्ष 2023 में चाइल्ड आइकॉन अवार्ड और डाउन सिंड्रोम एक्सीलेंस अवार्ड से भी उन्हें सम्मानित किया जा चुका है। वे अब तक 1000 से ज्यादा सेमिनार, वेबिनार को संबोधित कर चुके हैं। अवनीश यूनाइटेड नेशन व जिनेवा में भी कई कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए हैं। अवनीश मुख्य रूप से अनाथ बच्चों और दिव्यांग बच्चों के अधिकारों के लिए काम करते हैं। वे चाइल्ड ट्रैफिकिंग रैकेट को भी एक्सपोज कर चुके हैं। सात साल की उम्र में ट्रैकिंग करते हुए माउंट एवरेस्ट तक पहुंच चुके हैं। एवरेस्ट पर 600 मीटर की ट्रैकिंग करने का रिकॉर्ड भी उनके नाम पर है। इंदौर चिड़ियाघर में एक टाइगर को भी उन्होंने गोद ले रखा है।