BHOPAL. मध्यप्रदेश में राज्य सरकार की एक घोषणा ने पूरी स्थिति बिगाड़ दी है। शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी कि चुनाव से पहले अगस्त तक के बकाया बिल स्थगित किए जाएंगे, लेकिन लोगों ने आगे के बिल भरने भी बंद कर दिए। 30 लाख से ज्यादा लोगों ने सितंबर, अक्टूबर और नवंबर के बिल ही नहीं भरे हैं। इस वजह से बिजली वितरण कंपनियां एक किलोवाट वाले घरेलू उपभोक्ताओं के बकाए से परेशान हैं।
लोगों ने 4,015 करोड़ में से 2,000 करोड़ भरे ही नहीं
दरअसल चुनावी साल में जहां कांग्रेस कई चुनावी वादे कर रही थी। वहीं बीजेपी भी घोषणाओं की बरसात कर रही थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुनाव से पहले अगस्त तक के बकाया बिल स्थगित करने की घोषणा की थी। लेकिन लोगों इसके बाद के बिल भरने भी बंद कर दिए। राज्य में 69.86 लाख उपभोक्ताओं पर 4,015 करोड़ रुपए बकाया हो गया है। इनमें से 30 लाख से ज्यादा लोगों ने सितंबर, अक्टूबर और नवंबर के बिल ही नहीं भरे हैं। इससे कंपनियों को 2000 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है।
चुनाव से पहले स्थगित किए गए थे बिजली बिल
जानकारी के मुताबिक मप्र में 1 किलो वाट तक की बिजली का उपयोग करने वाले 1 करोड़ उपभोक्ता हैं। एक सितंबर के बाद इन्होंने चालू माह के बिल भी नहीं भरे। इनमें से 69.86 लाख पर 3796 करोड़ रुपए बकाया है। सरचार्ज 299 करोड़ रुपए है। कुल बकाया 4015 करोड़ रुपए हैं। अगर बात की जाएं, राजधानी भोपाल की तो यहां 1 लाख 42 हजार 544 से ज्यादा उपभोक्ता है। इन पर 79.57 करोड़ रुपए बकाया है।
उपभोक्ता पर होगी अब सख्ती...
कहा जा रहा है कि जो लोग अब बिजली बिल नहीं भरेंगे अब उनपर सख्ती की जाएगी। अब ट्रांसफार्मर से सीधे सप्लाई बंद की जाएगी। बता दें, राज्य सरकार ने 31 अगस्त 2023 तक का बकाया स्थगित करने का ऐलान किया था।