संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में चले भूमाफिया अभियान के दौरान दीपक मद्दा, सुरेंद्र संघवी, केशव नाचानी सहित दर्जन भर आरोपियों पर केस दर्ज हुए। इसके बाद ईडी इंदौर ने भी इस मामले में मनी लॉण्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया। आरोपी नाचानी उर्फ हनी ने ईडी में दर्ज केस को लेकर हाईकोर्ट ने 438 के तहत जमानत आवेदन लगाया था जो मंजूर हो गया है। नाचानी को पांच लाख के बांड पर हाईकोर्ट से सशर्त राहत मिली है। वहीं उल्लेखनीय है कि इस मामले में भूमाफिया दीपक मद्दा अभी जेल में ही है और उसकी जमानत मंजूर नहीं हुई है।
नाचानी ने 8.63 करोड़ का लाभ कमाकर सी-21 मॉल भोपाल में लगाया
इंदौर में चले भूमाफिया अभियान के दौरान नाचानी पर मजूदर पंचायत की जमीन खरीदने को लेकर फरवरी 2021 में खजराना थाने में दो केस दर्ज हुए। इसी तरह एक केस फरवरी 2019 में भी दर्ज हुआ था। ईडी ने फरवरी 2021 में दर्ज केस के आधार पर मनी लॉण्ड्रिंग एक्ट में भी आरोपी बनाया। इसमें कहा गया कि नाचानी ने सोसायटी की जमीन जो पहले से ही सदस्यों की थी, वह मैनेजर नसीम हैदर के साथ सांठगांठ करते हुए दो करोड़ में खरीदी और इसके लिए 50-50 लाख के चार चेक दिए। इसके लिए अलग खाता खुलवाया लेकिन चेक केवल एक ही पास हुआ और तीन बाउंस हो गए। बाद में नाचानी ने इसमें कंपनी के नाम पर इलाहाबाद बैंक से दस करोड़ का लोन ले लिया। यानी 50 लाख की जमीन लेकर दस करोड़ का लोन ले लिया। बाद में किश्त भरना बंद कर दिया और 8.63 करोड़ का लाभ कमाया। इस लाभ को सी-21 मॉल भोपाल में लगाया गया। यह अपराध से हुई कमाई थी। इसलिए केस बिया।
नाचानी ने यह दिया तर्क, जो मान्य
नाचानी की ओर से अधिवक्ता मनोज मुंशी ने पक्ष रखा और कहा कि याचिकाकर्ता को पहले ही थाने में दर्ज केस में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है और वह सात-आठ माह जेल में रह चुके हैं। एक ही अपराध पर बार-बार गिरफ्तारी की जरूरत नहीं है, वैसे ही सभी दस्तावेज ईडी के पास जब्त है और बयान भी हुए हैं। हालांकि, ईडी की ओर से गंभीर आर्थिक अपराध को देखते हुए जमानत मंजूर नहीं करने का आवेदन दिया गया लेकिन हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद उन्हें पांच लाख के बांड पर सशर्त जमानत मंजूर कर ली।