संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर के पलासिया चौराहे पर गुरुवार रात को बजरंग दल के प्रदर्शन और फिर हुए लाठीचार्ज के बाद बरंजग दल और पुलिस के बीच चल रहे विवाद की रिपोर्ट आज रात तक समिट होने जा रही है। इसके पहले इंदौर की पुलिस के सोशल मीडिया पर चले खाकी का भई तो मान है ना, अभियान ने सरकार को सीधे-सीधे साफ कर दिया कि उन पर सख्ती की गई तो पुलिस चुपचाप सहन नहीं करेगी। कई पुलिसकर्मियों ने वाट्सअप पर इस वाक्य को स्टटेस बना लिया है। संभवत: मप्र में यह पहली बार हुआ है कि पुलिस की भावनाएं इस तरह खुलकर बाहर आई हो। इससे चुनाव के पहले सरकार की मुश्किल बढ़ गई है, वह अब 70 हजार पुलिसकर्मियों को नाराज करेगी या फिर बजरंग दल व अन्य हिंदू संगठनों को साधेगी? पुलिस ने तो जैसे को तैसा जवाब देते हुए साफ कर दिया- झुकेगा नहीं साला।
क्यों चलाया पुलिस ने यह अभियान?
पुलिस का साफ कहना है कि बजरंगियों ने एक घंटे तक शहर के सबसे व्यस्ततम चौराहे को बंधक बनाया, फिर डीसीपी से धक्कामुक्की की। पुलिस बल और अधिकारी तो शहरवासियों के लिए वहां पहुंचे थे और ट्रैफिक ठीक कराने के साथ लॉ एंड आर्डर देख रहे थे, तो फिर ड्यूटी करने की सजा कैसे दी जा सकती है? यदि ड्यूटी करने के बाद भी सजा मिलना है तो फिर संगठनों के मामले में या रसूख वाले मामले में गलत होते देखने पर भी पुलिस को हाथ पर हाथ धरे रखना होगा, फिर शहर की कानून व्यवस्था का क्या होगा?
सरकारी सिस्टम में लहर चली तो पलट जाएगी बाजी
सरकार की समस्या है कि 70 हजार पुलिसकर्मी है और उनके परिवार व अन्य लोगों को जोड़ें तो लंबा चौड़ा यह भी वोट बैंक है। वहीं बात फिर पुलिस विभाग तक नहीं रहेगी पूरे सरकारी अधिकारी कर्मचारियों में सरकार के खिलाफ लहर फैलेगी। पहले ही वह ओल्ड पेंशन स्कीम से लेकर कई मामलों में विविध कर्मचारी संगठनों से घिरी हुई है। ऐसे में पुलिसकर्मियों पर सख्ती सरकार के लिए मुशिकल खड़ी कर देगा।
आखिर क्या है रास्ता?
पुलिस ने इस मामले में 250 बजरंगियों पर बलवा व अन्य धाराओं में केस किया, उधर बजरंग दल ने भी डीसीपी धर्मेंद्र भदौरिया, एसीपी पूर्ति तिवारी के साथ ही चार टीआई व मौके पर तैनात सौ पुलिस बल पर जान से मारने की कोशिश व अन्य धाराओं में केस करने की मांग की है। इसमें सरकार पहले ही डीसीपी को लूपलाइन भेज चुकी है, टीआई पलासिया संजय सिंह बैंस को लाइन अटैच कर चुकी है। सूत्रों के अनुसार इसमें सीधी भूमिका वाली एसीपी तिवारी पर भी एक्शन होगी और टीआई बैंस पर भी कुछ और कार्रवाई होगी, लेकिन यदि अन्य थानों संयोगितागंज, तुकोगंज, एमजी रोड व छोटी ग्वालटोली के टीआई व अन्य पुलिस बल पर कार्रवाई होती है तो पुलिस इसमें झुकेगी नहीं और इसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। कारण साफ है कि अन्य थाने वाले ड्यूटी आदेश के चलते वहां गए थे और उन्होंने ड्यूटी की लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन किया, ऐसे में उन्हें आखिर किस बात की सजा दी जा सकती है? बजरंग दल ने जहां हर स्तर पर दबाव बनाया है तो अब पुलिस भी खुलकर दबाव की राजनीति पर आ गई है और जैसे को तैसा वाली शैली में जवाब दे रही है।
पुलिस अभियान के विरुद्ध विश्व हिंदू परिषद ने बुलाई प्रांत की बैठक
बजरंग दल लाठीचार्ज वाले मामले में पुलिस का जिस तरह से अभियान चला, खाकी का भी तो मान है ना, अब उसके खिलाफ विश्व हिंदू परिषद भी मैदान पकड़ने की तैयारी में जुट गई है। इसके लिए विश्व हिंदू परिषद के मालवा प्रांत की महत्वपूर्ण बैठक 30 जून से लेकर 2 जुलाई तक इंदौर में होने जा रही है। इसमें अन्य मुद्दों के साथ ही बजरंग दल पर हुए लाठीचार्ज का भी मुद्दा सबसे अहम माना जा रहा है और इसमें सरकार को एक बार फिर चेतावनी देने की तैयारी की जा रही है। इस बैठक में पूरे मालवा प्रांत से जिला स्तर से लेकर प्रांत स्तर तक के लगभग 250 से अधिक पदाधिकारी सम्मिलित होंगे। विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, दुर्गा वाहिनी एवं मातृशक्ति की प्रमुख पदाधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहेंगे।
संगठन की दृष्टि से यह बैठक अत्यंत महत्वपूर्ण रहती है, इसमें पिछले 6 महीनों के कार्य की समीक्षा के साथ आगामी 6 माह की कार्य योजना बनाई जाती है। बैठक में विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय संगठन महामंत्री विनायक रावजी देशपांडे और क्षेत्रीय संगठन मंत्री मनोज जी वर्मा मौजूद रहेंगे। इस बार की बैठक में केंद्रीय संगठन महामंत्री और क्षेत्र संगठन मंत्री का एकसाथ उपस्थित रहना भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बैठक में प्रांत के साथ-साथ इंदौर में जो घटनाक्रम पिछले कुछ समय से चल रहे हैं, उनके विषय में भी परिस्थितियों को देखते हुए आगामी कार्य योजना भी बनाई जा सकती है।