BHOPAL. नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के आदेश के बाद पूरे जिले में तेज आवाज और कोलाहल पैदा करने वाले साउंड सिस्टम को बंद कराने का क्रम जारी है। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद जिले में कोलाहल अधिनियम के तहत लाउड स्पीकर, डीजे का साउंड निर्धारित कर दिया गया है। इसके बावजूद निर्धारित डेसीबल से अधिक आवाज आई तो साउंड सिस्टम जब्त कर लिया जाएगा। साथ ही केस भी दर्ज किया जाएगा।
संचालकों के साथ प्रशासन की बैठक
बता दें कि इस मामले में शहर में धर्म गुरुओं, डीजे संचालकों, मैरिज गार्डन संचालकों के साथ पुलिस - प्रशासन की बैठक भी हो चुकी है। उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे नियमों का पालन करें और यदि वे इसका पालन नहीं करते हैं तो साउंड सिस्टम जब्त करने के साथ ही केस भी दर्ज किया जाएगा।
वाहन जब्ती के साथ चालानी कार्रवाई
मप्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अनुसार मोटर साइकिल से जो आवाज आती है, वह निर्धारित मापदंड में रहती है। अगर उसमें से भी मापदंड से अधिक आवाज आती है, तो वाहन जब्ती के साथ चालानी कार्रवाई किए जाने का प्रावधान है। ठीक यही नियम साउंड सिस्टम पर भी लागू होता है।
आवासीय क्षेत्र में दिन का डेसिबल 55
एक डेसिबल की आवाज 435.55 स्क्वायर फीट तक सुनाई देती है। आवासीय क्षेत्र में दिन का डेसिबल 55 है। साउंड इतना खोलें कि 23 हजार 955 स्क्वायर फीट (आधा एकड़ से अधिक) में सुनाई दे। इससे बाहर आवाज जाती है तो नियम का उल्लंघन माना जाएगा। लाउड स्पीकर, डीजे इस स्थिति में नहीं बजा सकेंगे। क्योंकि लाउड स्पीकर व डीजे की आवाज एकड़ के बजाए किमी तक पहुंच जाती है। ध्वनि प्रदूषण मापने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मशीनें हैं। आम नागरिक भी चाहें तो गूगल प्ले स्टोर पर जाकर ध्वनि मापने वाले एप को आजमा सकते हैं। हालांकि सही परिणाम बोर्ड की मशीनों से ही आता है।
बहरेपन का बढ़ सकता है खतरा
जानकारी के मुताबिक अगर 80 डेसिबल से ऊपर आवाज जाती है तो उससे लोगों में बहरेपन का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही चिड़चिड़ापन भी आता है। बता दें कि निर्धारित मापदंड से अधिक आवाज सुनाई दी तो कोलाहल नियंत्रण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।