नितिन मिश्रा, BASTAR. बस्तर के बीजापुर में बांस का भरपूर उत्पादन होता है। जिसको देखते हुए यहां कागज का कारखाना खोला जाना है। कारखाना खोलने की प्रक्रिया भी जारी है। लेकिन बांस का कम उत्पादन कागज उत्पादन के लिए रोड़ा बन रहा है। बीजापुर के कई इलाकों में नक्सल दहशत के कारण बांस को कटाई नहीं हो पा रही है। बता दें कि सीएम भूपेश बघेल ने कागज कारखाना खोलने की घोषणा की थी। इसके लिए 35 हेक्टेयर जमीन भी चिन्हित की गई थी।
कारखाना खोलने की प्रक्रिया जारी
सीएम भूपेश बघेल ने बीजापुर दौरे के वक्त कागज का कारखाना खोलने की घोषणा की थी। कारखाना जिले के भोपालपटनम में खोला जाना है। जिसके लिए 35 हेक्टेयर जमीन भी चिन्हित की गई है। घोषणा के बाद जोरों से कारखाना खोलने की तैयारी शुरू कर दी गई थी। लेकिन अब यह कारखाने का काम शांत पड़ गया है। इसके पीछे की वजह बांस का कम उत्पादन होना है। हालांकि बीजापुर में बांस का उत्पादन ज्यादा देखते हुए ही कागज कारखाना खोलने की घोषणा की गई थी। लेकिन बांस का कम उत्पादन कारखाने को शुरू करने में रोड़ा बन रहा है। अब तक यह तय नहीं है कि कारखाना कब तक तैयार होकर शुरू किया जाएगा।
29 कूप में से 6 कूप में चल रही कटाई
जिले के नारायणपुर वनमण्डल और बीजापुर वनमण्डल में ही बांस के भंडार हैं। यहां बांस के 29 कूप चिन्हित किए गए हैं। लेकिन इनमें से केवल 6 कूपों में ही कटाई हो पा रही है। 23 कूप ऐसे स्थानों पर हैं जहां नक्सल गतिविधियां ज्यादा हैं। नक्सलियों की दहशत के कारण बांस का उत्पादन बहुत धीमा हो गया है। इस समय 10 लाख टन बांस का सालाना उत्पादन हो रहा है। जो बेहद कम है। जो बांस की कटाई हो रही हैं। उन बांसो को मध्यप्रदेश के अमलाई पेपर मिल और महाराष्ट्र के बल्लारशाह मिल को बेचा जा रहा है।