सूर्यप्रताप सिंह, BHOPAL. भोपाल स्थित एम्स (AIIMS) हॉस्पिटल ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। भोपाल एम्स को अब नेशनल एक्रेडेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल (NABH) की मान्यता मिल गई है। इसके साथ ही भोपाल ने दिल्ली एम्स को पीछे छोड़ दिया है। अब एम्स में आने वाले हर मरीज को यहां सही समय पर, बेहतर इलाज और बेस्ट क्वालिटी की सुविधाएं मिलना शुरू हो जाएंगी। हालांकि एम्स में पहले से ही इलाज के लिए बेहतर सुविधाएं हैं। लेकिन एनएबीएच की मान्यता के बाद इन सुविधाओं में और इजाफा होगा।
भोपाल एम्स ने मारी बाजी
भोपाल एम्स के डायरेक्टर अजय सिंह ने प्रेस वार्ता करते हुए जानकारी दी। डायरेक्टर अजय सिंह ने बताया की भोपाल एम्स मध्यभारत का एक मात्र संस्थान सरकारी अस्पताल हो गया है जिसे एनएबीएच से मान्यता मिली है। दिल्ली एम्स के एक हिस्से को एनएबीएच से मान्यता मिली है। वहीं नागपुर एम्स को केवल 200 बेड्स को मान्यता मिली है। जबकि भोपाल एम्स के सभी विभागों के साथ 960 बेड्स को मान्यता दी गई है।
क्या है एनएबीएच ?
बता दें कि क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया से संबद्ध एनएबीएच देशभर के अस्पतालों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए मान्यता प्रदान करता है। स्वास्थ्य विभाग में गुणवत्ता के लिए उच्च मापदंड तैयार करने और आम लोगों को इसका फायदा पहुंचाना ही बोर्ड का उद्देश्य है। इसका गठन 2005 में किया गया था।
10 साल पहले अनिवार्य हुई मान्यता
बता दें कि सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के लिए एनएबीएच से मान्यता लेना 10 साल पहले 2014 में अनिवार्य कर दिया गया था। भोपाल एम्स ने एनएबीएच मान्यता प्राप्त कर स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। एनएबीएच की मान्यता के बाद अस्पताल में मिलने वाली सुविधाओं में और इजाफा होगा। जिससे ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोग इसका फायदा उठा सकेंगे।