BHOPAL. 1984 में हुई भोपाल गैस त्रासदी के बाद से यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में लगभग 350 मीट्रिक टन कचरा पड़ा हु्आ है। अब ये कचरा 129 करोड़ में नष्ट होगा। दरअसल इस मामले में केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट में कहा है कि इस कचरे को नष्ट करने के लिए 129 करोड़ रुपए देंगे।
129 करोड़ में नष्ट होगा कचरा
दरअसल हाईकोर्ट में भोपाल गैस त्रासदी मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान केन्द्र सरकार ने हाईकोर्ट से कहा कि यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में पड़े कचरे के लिए 129 करोड़ जारी किए जाएंगे। मामला वित्त विभाग के पास पैंडिंग है। जस्टिस शील नागू और जस्टिस अमरनाथ केसरवानी की खंडपीठ ने केंद्र सरकार को कहा कि इस संबंध में जो भी प्रगति होती है, उसे विधिवत हलफनामे के साथ पेश करें।
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अगली सुनवाई 27 सितंबर को
इस मामले पर अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता खालिद नूर फखरुद्दीन ने पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि याचिका 19 सालों से लंबित है। दोनों सरकारें इस मामले में लापरवाही कर रही हैं। उन्होंने मांग की है कि कचरे के प्रबंधन में होने वाले खर्च का पूरा हर्जाना आरोपी कंपनी से ही वसूला जाना चाहिए।
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2004 में आलोक ने की थी याचिका दायर
बता दें, आलोक प्रताप सिंह ने 2004 में इस कचरे को लेकर जनहित याचिका दायर की थी। पिछले साल उनका निधन हो गया था। इसके बाद हाई कोर्ट मामले की सुनवाई स्वत: संज्ञान के रूप में कर रहा है।केन्द्र की ओर से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल पुष्पेंद्र यादव ने कोर्ट को बताया कि 19 जून 2023 को ओवरसाइट कमेटी की बैठक हुई थी। राज्य सरकार के प्रस्ताव पर कमेटी ने केन्द्र सरकार से उक्त कार्य के लिए 129 करोड़ रुपए स्वीकृत करने की अनुशंसा की है।