Bhopal SIMI terrorist on hunger strike - भोपाल सेंट्रल जेल की हाई सिक्योरिटी सेल में रखे गए स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के चार आतंकी भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। आतंकियों ने जेल परिसर में दिनभर खुले रहने की मांग की है। इसके साथ ही नमाजी टोपी लगाने, सामूहिक नमाज पढ़ने, न्यूज पेपर और लाइब्रेरी सुविधा देने की मांग भी वे कर रहे हैं। बता दें कि आतंकी दूसरी बार हड़ताल पर गए हैं। उन्होंने पानी सहित सहित हर तरह की डाइट छोड़ दी है। फिलहाल जेल के डॉक्टर उनकी निगरानी कर रहे हैं। आतंकी ड्रिप लगाने और दवा देने पर भी डॉक्टरों के साथ बदसलूकी कर रहे हैं। इधर जेल प्रशासन की ओर से जेल मुख्यालय को पत्र लिखकर हड़ताल की जानकारी दे दी गई है।
फांसी और उम्रकैद की सजा काट रहे
भूख हड़ताल पर बैठे आतंकियों में से दो शिवली और कमरुद्दीन को कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है। वहीं, अबु फैजल और कामरान आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। अपनी मांगों को लेकर ये चारों पिछले साल भी पड़ताल कर चुके हैं। पिछले साल की हड़ताल के बाद जेल प्रशासन ने इनकी घड़ी, खेलने के क्यूब और डायरी पेन की मांग को स्वीकार कर लिया था। अब जेल प्रशासन उनकी इन सुविधाओं को खत्म करने पर विचार कर रहा है। बता दें कि ये चारों आतंकी उच्च सुरक्षा घेरे में सेंट्रल जेल में बंद हैं।
सभी हैं खूंखार आतंकी
भूख हड़ताल पर बैठे चारों आतंकी संगठन सिमी से हैं। इनके नाम अबू फैसल, कमरुद्दीन, शिवली, कामरान हैं। नियम के अनुसार इन कैदियों ने जेल प्रशासन को भूख हड़ताल की सूचना दी थी, जिसके बाद इन्हें वॉर्निंग लेटर भी जारी किया गया है।
पहले कब-कब की भूख हड़ताल
- सिमी आतंकियों ने भोपाल जेल में नवंबर 2020 में भी भूख हड़ताल की थी। तब वे अहमदाबाद जेल में मिल रही सुविधाएं जैसी सुविधाएं देने की मांग कर रहे थे। अहमदाबाद में उन्हें खुले में रहने और आपस में मिलने की सुविधा थी। ये ड्राइ फ्रूट्स, दूध और पौष्टिक आहार के साथ चिकन- मटन भी मांग रहे थे। तब भी जेल प्रशासन ने इनकी मांग खारिज कर दी थी।
- दूसरी बार इन लोगों ने 19 फरवरी 2021 को भूख हड़ताल की थी। तब वे एकांत कारावास से बाहर निकलना चाहते थे। उस समय अबु फैसल, कमरुद्दीन, कामरान, सादुली पीए और शिवली ने भूख हड़ताल की थी, लेकिन तब भी उनकी मांग पूरी नहीं हुई थी।
- 26 जून 2023 को तीसरी बार जेल में कामरान ने खाना छोड़ दिया। इसके बाद अबु फैजल, कमरुद्दीन और कामरान ने भी बारी- बारी से भूख हड़ताल की थी। हड़ताल तोड़ने के बाद भी केवल जरूरी दवाएं और फीडिंग डाइट ही ले रहे थे।
- चौथी बार चारों आतंकियों ने 12 जनवरी को एक बार फिर फीडिंग डाइट और पानी तक पीना छोड़ दिया। 13 जनवरी को उन्होंने औपचारिक रूप से इसकी जानकारी जेल प्रशासन को दी।
आतंकियों की मांग खारिज कर दी है
जेलर सरोज मिश्रा ने बताया कि चारों आतंकियों ने इस बार नई मांग के साथ हड़ताल शुरू की है। उनका कहना है कि उन्हें दिनभर खुले में रखा जाए। नियम अनुसार उन्हें प्रतिदिन बाहर निकाला जाता है। इसी के साथ आतंकियों ने सामूहिक नमाज पढ़ने, न्यूज पेपर और लाइब्रेरी, नमाजी टोपी देने और कुर्ता पायजामा देने की मांग की है। जो जेल मैन्युअल के खिलाफ है, लिहाजा उनकी तमाम मांगों को सिरे से खारिज कर दिया गया है।