भूपेश सरकार का बड़ा फैसला, जूनियर डॉक्टर्स का बढ़ाया गया मानदेय, सैलरी में 15 हजार से ज्यादा का इजाफा, हड़ताल खत्म

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The Sootr CG
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भूपेश सरकार का बड़ा फैसला, जूनियर डॉक्टर्स का बढ़ाया गया मानदेय, सैलरी में 15 हजार से ज्यादा का इजाफा, हड़ताल खत्म

RAIPUR. छत्तीसगढ़ में जूनियर डॉक्टरों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ी सौगात दी है। भूपेश सरकार ने शनिवार को बड़ा फैसला लेते हुए जूनियर डॉक्टर्स का मानदेय बढ़ा दिया है। जूनियर डॉक्टर्स की सैलरी में 15 हजार से ज्यादा का इजाफा किया गया हैं। सीएम भूपेश सरकार की घोषणा के एक घंटे के अंदर ही प्रदेश भर के सभी मे​डिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल समाप्त कर दी है। 



सीएम भूपेश ने ट्वीट कर दी जानकारी



इस बात की जानकारी सीएम भूपेश ने खुद ट्वीट कर दी है। जिसमें PG फस्ट ईयर का 53 हजार 550 से 67 हजार 500 प्रति माह कर दिया गया है। PG सेकंड ईयर का 56 हजार 700 से बढ़ाकर 71 हजार 450 प्रति माह PG थर्ड ईयर का 59 हजार 200 से 74 हजार 600 प्रतिमाह बढ़ाया गया है, वहीं MBBS का 12 हजार 600 से 15 हजार 900 प्रति माह कर दिया गया है।




— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) August 5, 2023



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पंडाल से देख रहे थे ओपीडी का काम



बता दें कि 1 अगस्त से जूनियर डॉक्टर्स के हड़ताल पर जाने से इमरजेंसी सेवाएं ठप हो गई थी, पहले दिन जूडा ने ओपीडी का काम अस्पताल में शुरू रखा था। लेकिन 2 अगस्त को जूडा ने ओपीडी का पूर्णतः बहिष्कार कर दिया है। हड़ताली जूडा ने मरीजों की परेशानियों को देखते हुए टेंट में ओपीडी सुविधाएं दी हैं। यहां सभी रोगों से संबंधित ओपीडी सेक्शन मौजूद थे। जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि हड़ताल की वजह से किसी भी मरीज को असुविधा नहीं होने देंगे। जूडा ने टेंट के सामने एक बैनर भी लगाया है। जिसमें लिखा था 'काका क्या हुआ तेरा वादा'।



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लंबे समय से कर रहे थे स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग



जूनियर इंटर्न डॉक्टर, पीजी डॉक्टर एवं पोस्ट पीजी सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर के स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग काफी लंबे समय से कर रहे थे। जूनियर डॉक्टरों के मुताबिक छत्तीसगढ़ एकमात्र राज्य है जहाँ कुल 4 साल का स्ट्रिक्ट रूरल बांड करवाया जाता है। MBBS के बाद 2 साल और पीजी MD/MS के बाद 2 साल (बांड ब्रेकेज अमाउंट- 50 lac)। रूरल बांड 4 साल का है। इसके साथ ही जो स्टाइपेंड मिलता है वो एक टीचर से भी कम है। MBBS के बाद बॉन्ड में 45 हजार रुपए प्रति माह, MD/ MS के बाद बांड में 55 हजार रुपए प्रति माह। जब वहीं डॉक्टर पीजी कर रहा होता है मतलब MD/MS करते समय उसको 60 हजार रुपए स्टाइपेंड मिलता है। जब वो MD/MS कम्पलीट कर लेता है और वो सीनियर रेजिडेंट हो जाता है, तो उसका पेमेंट अपने जूनियर से कम होकर सिर्फ 55 हजार रुपए प्रति माह हो जाता है। यह स्टाइपेंड आसपास के राज्यों से 40 से 45 प्रतिशत तक कम है।


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