BHOPAL. मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं घोटाला मामले को लेकर कोर्ट ने बड़ी कार्रवाई की है। सुनवाई के दौरान राजधानी भोपाल में 5 आरोपियों को 7-7 साल की सजा सुनाई गई है। यह फैसला विशेष जज नीति राज सिंह सिसोदिया ने सुनाया हैं। सजा पाने वालों में हार्दिक पटेल, श्रवण सोनार, धनंजय कुमार, राकेश कुमार पटेल और मुकेश मौर्य हैं। इनपर एक लाख रुपए रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। वहीं मुख्य आरोपी यानी इस घोटाले का मिडिलमेन हार्दिक पटेल गुजरात का रहने वाला है। वह बेंगलुरु में एडमिशन करवाने का काम पहले से कर रहा था।
ये है पूरा मामला?
दरअसल मप्र व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) की पीएमटी 2013 में परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवार के स्थान पर दूसरे व्यक्ति से परीक्षा दिलवाई गई थी। साहिल जैन की जगह मुकेश मोर्य ने परीक्षा दी थी। व्यापमं पीएमटी 2013 में साहिल जैन की परीक्षा सागर के शासकीय गर्ल्स पीजी कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में हुई थी। परीक्षा हॉल में परीक्षार्थी के साइन और अंगूठे का निशान अटेडेंस शीट पर लिया था। यहां साइन और अंगूठे का निशान मुकेश मौर्य ने अटेंडेंस शीट पर लगाया था। परीक्षा हॉल में स्कोरर पकड़ में नहीं आए, इसके लिए परीक्षा फार्म पर भी साइन और अंगूठे का निशान मुकेश मौर्य का ही लगाया गया था। ऐसा करने के लिए गुजरात के रहने वाले हार्दिक पटेल, श्रवण सोनार, धनंजय कुमार और राकेश कुमार पटेल ने 20 लाख रुपए लिए थे। बाद में एमपी पीएमटी 2013 मामले की जांच के दौरान इस पूरे मामले का खुलासा हुआ। सीबीआई की चार्जशीट पर सुनवाई के बाद 5 दोषियों को 7-7 साल की जेल हुई है।
ऐसे हुआ था आरोपियों से संपर्क
जानकारी के मुताबिक साहिल जैन के पिता प्रदीप कुमार जैन ने पूछताछ में इस पूरे कारनामे को स्वीकार किया है। उन्होंने बताया कि साहिल काफी समय से मेडिकल की तैयारी कर रहा है, लेकिन उसका कहीं पर भी सिलेक्शन नहीं हो रहा था। इस दौरान उसकी एक दिन उनके भतीजे जैकी जैन से इस बारे में बात हुई, तो जैकी ने प्रदीप को भरोसा दिलाया कि उसका गुजरात में रहने वाला एक दोस्त लोगों के मेडिकल में एडमिशन करवाता है और वह साहिल का भी एडमिशन करवा देगा। फिर क्या था जैकी ने प्रदीप को हार्दिक पटेल का नंबर दे दिया।
20 लाख रुपए में हुई थी डील फाइनल
वहीं हार्दिक ने साहिल जैन के पिता प्रदीप को विश्वास दिलाया कि वह 20 लाख रुपए लेगा, लेकिन उनके बेटे का एडमिशन करवा देगा। इसके बाद हार्दिक ने अपने सभी दोस्तों के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया था। सीबीआई कोर्ट ने इन सात आरोपियों को 7 साल की सजा सुनाई है।