पूर्व विधायक नरेंद्र बिरथरे के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा नहीं हुई साबित, एमपी-एमएलए कोर्ट ने किया बरी

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BP Shrivastava
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पूर्व विधायक नरेंद्र बिरथरे के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा नहीं हुई साबित, एमपी-एमएलए कोर्ट ने किया बरी

GWALIOR.मप्र राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड के उपाध्यक्ष नरेंद्र बिरथरे (राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त) को एमपी-एमएलए कोर्ट (मजिस्ट्रेट कोर्ट) से बड़ी राहत मिली है। मंगलवार, 8 अगस्त को एक मामले में कोर्ट ने नरेंद्र बिरथरे को बरी कर दिया। वहीं इस केस के एक अन्य आरोपी शाहिद खां की पहले ही मौत हो चुकी है। पूर्व विधायक बिरथरे का यह मामला शिवपुरी जिले के पुलिस थाना पोहरी का है।



चार साल पहले टीआई और बिरथरे में हुई थी नोंक-झोंक



मामला साल 2018 का था। घटना की रिपोर्ट दो दिन बाद हुई थी। मामले में पूर्व विधायक नरेंद्र बिरथरे और तत्कालीन टीआई सुरेंद्र सिंह सिकरवार के बीच काफी नोंक-झोंक हुई थी। बात पंडाल में तेज आवाज में बज रहे लाउड स्पीकर बंद कराने से शुरू हुई थी। इसके बाद बिरथरे ने धमकी देते हुए तत्कालीन एसआई संजीव पवार से कहा कि गाड़ी लेकर नवाबी दिखाने आए हो। सिर्फ डेढ़ महीने हैं आपके पास, इसके बाद कहां रहोगे। पता...।



टीआई ने कुछ इस तरह बिरथरे को दिया था जवाब



एसआई पवार ने पूरी घटना टीआई सुरेंद्र सिंह सिकरवार  को बताई। बाद में टीआई फिर से पंडाल पहुंचे थे और पूर्व विधायक से अपने अंदाज में पूछा आपकी पार्टी आई तो बर्खास्त करा दोगे ना? साथ ही चुनौती देते हुए कहा था कि सरकार आने पर पोहरी से शिवपुरी ही भेजकर बता देना। यह मामला मीडिया में प्रमुखता से प्रकाशित हुआ था। हालांकि, अभियोजन घटना में पूर्व विधायक बिरथरे की संलिप्तता साबित ही नहीं कर कसे और वे कोर्ट से बरी हो गए।


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