Raipur. ईडी के आवेदन पर ACB की FIR पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के तेवर तल्ख़ हो गए हैं। पूर्व सीएम ने मीडिया से कहा है कि बदनाम करने डराने की कार्रवाई की जा रही है। इसमें यू डी मिंज का क़सूर यह है कि वह सीएम विष्णु देव साय के खिलाफ लड़ा। एसीबी में एफ़आइआर बग़ैर सीएम के दस्तखत के नहीं होती है। यह विष्णुदेव साय की छोटी सोच का उदाहरण। हम लड़ेंगे, डरते नहीं है।
क्या कहा भूपेश बघेल ने?
एसीबी की कार्रवाई पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल का बड़ा बयान सामने आया है। बघेल का कहना है कि सीएम विष्णु देव साय की छोटी सोच है, एसीबी की कार्रवाई सीएम के आदेश के बाद की जाती है। कांग्रेस के कार्यकर्ताओ को बदनाम करने का काम भाजपा कर रही है। पहले ED,IT की कार्रवाई प्रदेश में करा रहे थे अब ACB की कार्रवाई करा रहे हैं। भाजपा कांग्रेस को केवल बदनाम करने का काम बस करती है। पहले ED IT महादेव सट्टा ऐप के नाम पर और अब ACB एक नया तरीका है बदनाम करने का।
क्या है मामला
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब और कोयला घोटाला मामले में परिवर्तन निदेशालय ने एंटी करप्शन ब्यूरो रायपुर में दो अलग-अलग FIR दर्ज कार्रवाई है। शराब घोटाले मामले में तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा, तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल के बेहद करीबी विजय भाटिया, अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, निरंजन दास, रतन प्रिया मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ 20 आबकारी विभाग के अधिकारी कर्मचारी और छत्तीसगढ़ डिस्टलरी भाटिया वाइन एवं मर्चेंट, मेसर्स वेलकम डिस्टलरी मेजर्स, ए ढेबर बिल्डकॉन, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य सचिव और रेरा के अध्यक्ष रहे विवेक ढांड के साथ अज्ञात कांग्रेस के पदाधिकारी गण समेत 70 नामजद एवं अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। प्रवर्तन निदेशालय में कोयला घोटाला मामले में एसीबी में जो FIR दर्ज करवाई है। उसमें 35 नामजद है और शेष अन्य के रूप में दर्ज हैं। इनमें जो आरोपी हैं उनमें सौम्या चौरसिया, समीर बिश्नोई, रानू साहू, सूर्यकांत तिवारी, राम गोपाल अग्रवाल (जो PCC के कोषाध्यक्ष भी है), भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव, कांकेर के तत्कालीन विधायक शिशुपाल शोरी, कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह, विनोद तिवारी तत्कालीन मंत्री अमरजीत भगत, तत्कालीन विधायक चंद्रदेव राय, तत्कालीन विधायक बृहस्पति सिंह, उर्दू कमेटी के अध्यक्ष इदरीश गांधी, तत्कालीन विधायक गुलाब कमरो, तात्कालिक विधायक यू डी मिंज, सुनील अग्रवाल के नाम शामिल है।