बीजापुर में काम ज्यादा, लेकिन सैलरी कम, 15000 बच्चों को 24 घंटे शिक्षा दे रहे 450 अनुदेशक बोले- ऐसे में नहीं हो रहा गुजारा

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The Sootr CG
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बीजापुर में काम ज्यादा, लेकिन सैलरी कम, 15000 बच्चों को 24 घंटे शिक्षा दे रहे 450 अनुदेशक बोले- ऐसे में नहीं हो रहा गुजारा

BIJAPUR. बीजापुर जिले में वेतनवृद्धि को लेकर एक बार फिर मांग उठी है। राजीव गांधी शिक्षा मिशन के तहत संचालित 28 पोटाकेबिन में कार्यरत 450 अनुदेशकों ने पिछले दिनों रैली निकालकर प्रदर्शन किया। इस दौरान अपनी मांगों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए सभी ने वेतन वृद्धि की मांग की थी। जानकारी के अनुसार बीजापुर जिले के भैरमगढ़, उसूर, भोपालपटनम व बीजापुर ब्लॉक में राजीव गांधी शिक्षा मिशन द्वारा समग्र शिक्षा अभियान के तहत संचालित 28 पोटाकेबिनों में आवासीय 15000 बच्चों को 24 घंटे रहकर शिक्षा दे रहे 450 अनुदेशक अपनी कम सैलरी से परेशान हैं। उनका कहना है कि हमसे काम पूरा काराया जा रहा है, लेकिन पार्ट टाइम टीचर जैसे भुगतान (मानदेय) किया जा रहा हैं। 



15000 बच्चों को 24 घंटे शिक्षा दे रहे 450 अनुदेशक



इस पूरे मामले के बारे में अनुदेशक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष गोविंद गांधरला ने का कहना है कि 15000 बच्चों को शिक्षा के मुख्यधारा से जोड़कर अनुदेशक पढ़ाई करवा रहे हैं। इसमें प्राथमिक और उच्च प्राथमिक क्लास शामिल हैं। अनुदेशक द्वारा शैक्षणिक कार्य के साथ ही प्रतियोगी परीक्षा के लिए कोचिंग कक्षाएं, खेलकूद, योगा, कम्प्यूटर, शिक्षा, स्वास्थ्य और देखरेख आदि के काम 24 घंटे संस्था में रहकर की जाती हैं। इसके अलावा संवेदनशील क्षेत्रों में जाकर बच्चों का सर्वे कर संस्था में दाखिला दिलाया जाता हैं। अध्यक्ष गांधरला ने बताया कि इस सारे कामों के बदले अनुदेशकों को प्रतिमाह महज 10 हजार रुपए का मानदेय दिया जाता हैं। बढ़ती महंगाई से इतने कम मानदेय में आवश्यकताओं की पूर्ति संभव नहीं हैं



2011 में हुई थी इन अनुदेशकों की नियुक्ति, हड़ताल के बाद सिर्फ 10 हजार हुआ मानदेय



संघ से मिली जानकारी के अनुसार अनुदेशकों की नियुक्ति वर्ष 2011 में हुई थी। उस वक्त उनका मानदेय 4940 रुपए था। चार साल बाद 2015 में मानदेय बढ़कर 7 हजार रुपए किया गया। इसके बाद 2018 में चुनाव से पहले 23 दिनों की हड़ताल के बाद मानदेय बढ़ाकर 10 हजार कर दिया गया। लेकिन महंगाई और काम के बदले ये नाकाफी हैं। इसलिए अब मांग की जा रही है कि 14 साल से 24 घंटे काम लिया जा रहा है। उसके समतुल्य मानदेय दिया जाए।

 


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