JAIPUR. अरब सागर से उठा चक्रवात बिपरजॉय गुजरात के बाद राजस्थान में कहर बरपा रहा है। इसके असर से राज्य के कई इलाकों में पिछले 36 घंटों से भारी बारिश जारी है, जिससे बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। बाड़मेर, सिरोही, बांसवाड़ा, उदयपुर, राजसमंद, पाली, अजमेर, कोटा सहित कई जिलों में शुक्रवार (16 जून), शनिवार (17 जून) से शुरू हुई तेज बारिश रविवार को भी जारी रही। इससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। इन जिलों के कुछ इलाकों में अब तक 10 से लेकर 13 इंच (एक फुट) तक बरसात हो चुकी है। जालोर जिले के सांचौर में सुरावा बांध टूटने से कई इलाके डूब गए हैं। बांध टूटने से नर्मदा लिफ्ट कैनाल में पानी बढ़ने से वह भी टूट गई है। अब सबसे ज्यादा खतरा सांचौर शहर पर मंडरा रहा है। शनिवार (17 जून) रात बांध टूटने की जानकारी मिलते ही पूरे शहर को खाली कराने की कोशिश की जा रही है।
जयपुर में बारिश का जारी
सांचौर शहर से बांध की दूरी 15 किलोमीटर है, वहीं कस्बे की आबादी 50 हजार है। जयपुर से इस शहर की दूरी 500 किमी है। वहीं, जयपुर में भी रविवार (18 जून) सुबह से बारिश का दौर शुरू हो गया है। शहर के साथ जयपुर संभाग के दौसा, अलवर जिलों में तेज बारिश से मौसम बदला है।
सुरावा बांध टूटने से सांचौर पर खतरा बढ़ा, देर रात घर-दुकानें खाली कराईं
सांचौर के आसपास पिछले 36 घंटों से मूसलाधार बारिश हो रही है। साथ ही गुजरात की तरफ से भी यहां बने सुरावा बांध में लगातार पानी आ रहा था। ज्यादा पानी का भराव होने के चलते शनिवार (17 जून) देर रात बांध टूट गया। यह पानी शहर की तरफ बढ़ रहा है। अचानक शहर में पानी आने की जानकारी मिलने के बाद देर रात को 2 बजे से लोगों ने बाजार में अपनी दुकानें खाली करनी शुरू कर दी। वहीं निचले इलाके के लोगों को भी सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए कह दिया गया।
नर्मदा नहर की कैनाल टूटी
सुरावा से पानी हाड़ेतर होते हुए जाजुसन तक पहुंच गया। जिसके बाद आगे बन रही भारतमाला एक्सप्रेस वे सड़क के पुल से होते हुए सांचौर की तरफ रात को 4 बजे बढ़ गया था, लेकिन नर्मदा नहर की सांचौर लिफ्ट कैनाल में ज्यादा पानी आने से वह भी टूट गई है।
राज्य के जिलों में कैसा रहेगा तूफान का असर
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सिरोही और बाड़मेर में 4 से 5 फुट पानी, कई इलाकों में आज भी अलर्ट
जालोर के अलावा सिरोही व बाड़मेर में भी बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है। यहां कई इलाकों में 4-5 फुट तक पानी भर गया, जिसके बाद लोगों को एनडीआरएफ-एसडीआरएफ की मदद लेकर रेस्क्यू करना पड़ा। मौसम विशेषज्ञ इस चक्रवात को साल 2021 में आए ताऊ-ते तूफान और 1998 में आए चक्रवात से भी ज्यादा खतरनाक चक्रवात मान रहे हैं। क्योंकि उस समय राजस्थान में इतनी बरसात नहीं हुई थी।
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2021 में बने थे ऐसे हालात
इससे पहले मई 2021 में भी अरब सागर में चक्रवात आया था, उसका नाम ताउ-ते रखा था। उस चक्रवात का सबसे ज्यादा असर उदयपुर संभाग के डूंगरपुर में पड़ा था, जहां वेंजा एरिया में 239 मिमी बरसात दर्ज हुई थी। वहीं, 1998 में आए चक्रवात से जालोर, बाड़मेर और नागौर में 200 मिमी बरसात हुई थी।