मनीष गोधा, JAIPUR. राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की चौथी और अंतिम परिवर्तन यात्रा आज हनुमानगढ़ के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल गोगामेड़ी मंदिर से रवाना होगी। केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी इस यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे। राजस्थान के उत्तरी हिस्से के सात जिलों की 50 सीटों को कवर करने वाली ये यात्रा 18 दिन चलेगी और 2 हजार 173 किलोमीटर का सफर तय करेगी।
ये खबर भी पढ़ें...
राजस्थान में अब पुलिस सेवकों को 4 पदको से जाएगा नवाजा, हर साल 15 अगस्त को होगी घोषणा
चुनौतीपूर्ण इलाकों से गुजरेगी यात्रा
बीजेपी की चौथी परिवर्तन यात्रा पार्टी के लिए राजनीतिक लिहाज से चुनौती पूर्ण रहे सात जिलों हनुमानगढ़, गंगानगर, बीकानेर, सीकर, चूरू, झुन्झनू और अलवर को कवर करेगी। इस पूरे इलाके को राजस्थान की जाट बेल्ट के नाम से पहचाना जाता है जो परंपरागत तौर पर भारतीय जनता पार्टी का वोट बैंक नहीं रहा है। यही कारण है कि उत्तरी राजस्थान में पार्टी अब तक के चुनाव को बहुत बड़ा कमाल नहीं दिखा पाई है। पिछले चुनाव की बात करें तो सात जिलों की जिन 50 सीटों को यह यात्रा कवर करेगी उनमें से बीजेपी सिर्फ 13 सीटों पर जीत हासिल कर पाई थी।
मुस्लिम बाहुल्य जिले को कवर करेगी यात्रा
जिलेवार बात करें तो बीकानेर में पार्टी को सात में से तीन, चूरू में छह में से दो, गंगानगर में छह में से तीन, हनुमानगढ़ में पांच में से दो, झुंझुनू में सात में से एक सीट मिली थी, वहीं सीकर में आठ में से एक भी सीट हासिल नहीं हो पाई थी। इस यात्रा में शामिल अलवर जिले का जातिगत समीकरण कुछ अलग है। यह यादव और मुस्लिम बाहुल्य जिला है। पिछले चुनाव में यहां भी पार्टी की स्थिति बेहद खराब थी और पार्टी 11 में से सिर्फ दो सीट जीत पाई थी।
बीजेपी के लिए कौन से जिलों में जीत मुश्किल?
यानी पार्टी की स्थिति बीकानेर गंगानगर हनुमानगढ़ और चूरू में तो कुछ ठीक है लेकिन सीकर और झुंझुनू में पार्टी बेहद कमजोर है।
बड़े चेहरों की बात करें तो नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया चूरू जिले से आते हैं। वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का गृह जिला सीकर है। राजस्थान सरकार के तीन मंत्री बीड़ी कल भंवर सिंह भाटी और गोविंद राम मेघवाल बीकानेर से हैं। ऐसे में यहां चेहरों की लड़ाई भी बड़ी है।