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JAIPUR. राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत शनिवार को जयपुर में दुर्गापुरा कृषि अनुसंधान केंद्र में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। सीएम गहलोत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पीएम मोदी की अब उनकी ही पार्टी में इज्जत कम हो रही है। बीजेपी में उनके खिलाफ बगावत जल्द ही बड़ा रूप ले सकती है। पीएम को इस बात की चिंता करना चाहिए, क्योंकि पब्लिक में उनकी रिस्पेक्ट तो पहले ही कम है। अब बीजेपी पार्टी में भी लगातार उनकी रिस्पेक्ट कम हो रही है।
पार्टी के नेता पीएम की सोच के खिलाफ
सीएम गहलोत ने कहा कि बीजेपी के बड़े नेता बता देंगे कि पीएम को लेकर पहले के मुकाबले अब बीजेपी की क्या राय है। सीएम ने आगे कहा कि मैं पीएम मोदी को समझाना चाहता हूं कि वे ओबीसी समुदाय से पीएम पद तक पहुंचे है। पीएम मोदी कम से कम ओबीसी का मान और सम्मान तो रख ले। आज उनकी सोच के वजह से ही उनकी पार्टी भी खिलाफ हो गई है। सुना है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और इनके बीच नहीं बन रही है, लेकिन इस बात से हमें कोई मतलब नहीं है। हम तो सिर्फ ये ही चाहते हैं कि भारत देश एक और अखंड रहे। सीएम ने पीएम पर आरोप लगाते हुए कहा कि देश में आज हिंसा और अराजकता का माहौल बन गया है। देश में लगातार हिंसा फैल रही है और संविधान की धज्जियां उड़ रही है। इनकम टैक्स और सीबीआई का जिस तरह से इस्तेमाल हो रहा है इस बात को अब जनता भी समझ चुकी है।
कांग्रेस में वंशवाद है
मीडिया से बात करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि बीजेपी के नेता कहते हैं कांग्रेस में वंशवाद चल रहा है। मैं बीजेपी नेताओं से पूछना चाहता हूं हमारी पार्टी से आपको क्या पंचायती है। सीएम ने पूछते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक वाले क्या करते हैं? बीजेपी वाले क्या करते हैं? उनके परिवार में क्या चल रहा है हम तो नहीं पूछते हैं। ये आरोप लगाने वाले वे लोग कौन होते कि हमारी पार्टी में वंशवाद है।
2 घंटे के भाषण में पीएम ने मणिपुर पर सिर्फ 2 मिनट बोला
मणिपुर को लेकर सीएम गहलोत पीएम पर हमलावर होते हुए बोले कि मणिपुर में हालात बद से बदतर हो चुके हैं। महिलाओं के साथ लगातार बलात्कार और हिंसा की घटनाएं हो रही है। मणिपुर में 100 से ज्यादा रेप के मामले सामने आए हजारों की संख्या में FIR दर्ज हो चुकी है, लेकिन प्रधानमंत्री संसद में जाकर सिर्फ हंसी ठिठोली करते हैं। पीएम मोदी ने अपने 2 घंटे के भाषण में मणिपुर का सिर्फ 2 मिनट जिक्र किया। जबकि इस तरह के गंभीर मुद्दे पर उन्हें अच्छे से अपनी बात रखनी चाहिए थी। पीएम कहते हैं कि मेरे हाथ में कुछ नहीं है। जबकि मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू करवा देना चाहिए क्योंकि गवर्नर तो उनके ही है। ऐसे में अब देश की जनता भी जानना चाहती है कि प्रधानमंत्री मणिपुर मामले पर क्यों चुप हैं।
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