BHOPAL. मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव दरवाजे की दहलीज तक आ चुके हैं, बीजेपी विधानसभा चुनाव में अपने 39 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर चुकी है। उधर बीजेपी द्वारा घोषित एक प्रत्याशी आलोक शर्मा की बयानबाजी उन पर भारी पड़ सकती है। शर्मा ने एक सभा में मुसलमानों से मतदान करने नहीं जाने का बयान दिया था। जिस पर अब राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने संज्ञान ले लिया है। आयोग ने मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस को नोटिस जारी किया है और 21 दिनों में जवाब पेश करने कहा है।
यह बोले थे आलोक शर्मा
बीते दिनों रतलाम जिले के जावरा में आयोजित बीजेपी कार्यकर्ता सम्मेलन में बीजेपी नेता आलोक शर्मा ने कहा था कि बीजेपी को मुस्लिम समाज वोट नहीं देता, इसलिए अच्छा होगा कि वे वोट डालने ही न जाएं। बयान देने के बाद आलोक शर्मा को अपनी गलती का एहसास भी हो गया था इसलिए उन्होंने मौके पर मौजूद मीडियाकर्मियों से कैमरे बंद करने भी कह दिया था। बाद में इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुआ और विपक्ष ने कड़ा विरोध दर्ज कराया था।
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कांग्रेस कार्यकर्ता ने लिखी थी चिट्ठी
इस मामले में कांग्रेस के मीडिया सेल के उपाध्यक्ष अब्बास हफीज ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखकर सोशल मीडिया में वायरल बीजेपी नेता के बयान पर आपत्ति उठाई थी। इतना ही नहीं कांग्रेस ने जगह-जगह आलोक शर्मा के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था।
विपक्ष के तेवर देखते हुए इस मामले में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग हरकत में आया और प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस को नोटिस जारी कर दिया। नोटिस में 21 दिनों के अंदर जवाब पेश करने के निर्देश दिए गए हैं। सीएस को मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश करने भी कहा गया है।
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कई नेताओं पर गिर चुकी है गाज
बता दें कि बीते कई चुनावों में आपत्तिजनक बयान बाजी करने वाले नेताओं और प्रत्याशियों पर चुनाव आयोग सख्ती का कोड़ा चला चुका है। बीते लोकसभा चुनावों में सपा उम्मीदवार आजम खान, मायावती समेत कई नेताओं पर कुछ समय तक के लिए भाषण देने पर रोक लगा दी गई थी। वहीं हेटस्पीच के मामलों में कई नेताओं को सजा भी हो चुकी है। ऐसे में आलोक शर्मा की मुश्किलें बढ़ती ही दिखाई दे रही हैं।