BHOPAL. नरोत्तम को चंबल की जिम्मेदारी, कैलाश मालवा प्रभारी लेकिन शिवराज के हाथ खाली, आप राम नाम जपने में रमे रहे और सियासत में एक और बड़ा खेला हो गया। पूरा देश इस वक्त भगवान राम की भक्ति में डूबा हुआ है। सियासत और भक्ति का जबरदस्त कोम्बो देश में लोकसभा का माहौल तैयार कर रहा है। राम मंदिर की व्यस्तताओं के बीच भी बीजेपी का इलेक्शन मोड पूरी तरह ऑन है। पीएम मोदी ने ग्यारह दिन का सख्त अनुष्ठान पूरा करने का प्रण ले लिया है। इसके साथ ही वो लोकसभा चुनाव की तैयारियों में भी जुट गए हैं। इसकी शुरूआत कल्स्टर की जिम्मेदारियों के साथ हुई है। मध्यप्रदेश में भी कल्स्टर बनाकर बड़े नेताओं को जिम्मेदारी सौंप दी गई है। ताज्जुब की बात ये है कि पूरे चंबल में जीत दिलाने के लिए विधानसभा चुनाव हारे नरोत्तम मिश्रा को तो चुना गया है लेकिन पूरे प्रदेश में जीत दिलाने वाले शिवराज सिंह चौहान को हर जिम्मेदारी से दूर रखा गया है, वैसे उन्हें साउथ में जीत दिलाने का झुनझुना पकड़ा दिया गया है। जिसके बाद मध्यप्रदेश में उनकी सेवाएं समाप्त हो चुकी ही मानी जा सकती हैं। खैर पहले उस बैठक के बारे में समझिए और देर रात तक हुई और बड़े फैसलों के साथ खत्म हुई।
बीजेपी ने शुरू की लोकसभा चुनाव की तैयारी
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दिल्ली स्थित पार्टी हेडक्वार्टर में मंगलवार को लोकसभा क्लस्टर प्रभारियों की बैठक सुबह साढ़े ग्यारह बजे शुरू हुई और रात 8 बजे तक चलती रही। बैठक में देशभर के 300 पार्टी पदाधिकारी मौजूद रहे, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उद्घाटन कर पहले सत्र को संबोधित किया, शाम को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बैठक में शामिल हुए, जिसके बाद पूरे देश में लोकसभा चुनाव के लिए क्लस्टर बनाए गए और बड़े नेताओं को क्ल्सटर की जिम्मेदारी सौंप दी गई। अगर आपको याद हो कि विधानसभा चुनाव में किस तरह बीजेपी ने बड़े नेताओं को विधानसभा चुनाव में खुद की काबीलियत साबित करने का चैलेंज दिया था। उसी तरह फिर ऐसे ही दिग्गज चेहरों को ये जिम्मेदारी दी गई है, जो अपने क्ल्स्टर में जितनी बड़ी जीत दिलाएगा आलाकमान की नजरों में उसके नंबर भी उतने ही ज्यादा बढ़े माने जाएंगे। अब पहले ये क्ल्स्टर बनाने के बीजेपी का पूरा प्लान क्या है, वो समझ लेते हैं, क्योंकि इस बैठक में एक तरह से बीजेपी ने लोकसभा का पूरा रोडमैप तैयार कर लिया है।
सात क्लस्टर में बंटा मध्यप्रदेश
देशभर की सभी 543 लोकसभा सीटों को मिलाकर बीजेपी ने 146 क्लस्टर बनाए हैं। एमपी की 29 सीटों को 7 क्लस्टर्स में बांटा गया है। इन क्लस्टर्स के लिए प्रभारी भी नियुक्त कर दिए गए हैं। बैठक में देशभर के बीजेपी के संगठन महामंत्री मौजूद रहे, मध्यप्रदेश से बीजेपी संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा बैठक में शामिल हुए। पार्टी सूत्रों ने बताया कि बैठक में क्लस्टर इंचार्ज को आने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए, 27 जनवरी के बाद लोकसभा स्तर, फिर क्लस्टर स्तर पर बैठकें शुरू हो जाएगी, इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बडे़ नेताओं की प्रदेश में सभाएं शुरू होंगी।
गरीब कल्याण के लिए भी काम करना है: शाह
बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जिन लोकसभा सीटों पर बीजेपी और सहयोगी दल चुनाव लड़ेंगे, उन सभी सीटों पर क्लस्टर के सदस्य काम करेंगे, यह काम सिर्फ चुनाव जीतने के लिए नहीं बल्कि गरीब कल्याण के लिए भी करना है। हर क्लस्टर प्रभारी को अपने मातहत काम कर रहे कार्यकर्ताओं को समझाना है कि उन्हें लाभार्थियों से ही नहीं बल्कि आम लोगों से भी बात करनी है, उन्हें बताना है कि 2014 के पहले क्या स्थिति थी और 2014 के बाद किस तरह से गरीब कल्याण का काम हो रहा है।
बीजेपी ने तैयार किया टाइमटेबल
एक और अंदर की खबर ये है कि बीजेपी ने मतगणना का रिवर्स टाइमटेबल तैयार किया है, यानी कि जब आप टाइमटेबल बनाते हैं तब जिस दिन से काम शुरू करना है, उस दिन के समय को विभाजित कर समय तय करते हैं, लेकिन बीजेपी को जिन दिन टास्क एकंप्लिश करना है, उस दिन से टाइमटेबल शुरू हो रहा है। कोशिश शायद ये है कि तयशुदा समय में क्या- क्या काम निपटाना है। इस पर पूरी नजर रखी जा सके, इसी रिवर्स टाइम टेबल के आधार पर आगे की रणनीति बनाई गई है, जिन सीटों पर पार्टी का प्रदर्शन कमजोर है, उनके लिए अलग से नीति तैयार की जाएगी।
नरोत्तम मिश्रा को ग्वालियर चंबल की जिम्मेदारी
अब आपको बताते हैं बीजेपी ने मध्यप्रदेश में किस नेता को क्या जिम्मेदारी सौंपी है, शुरुआत चंबल से करते हैं। जिसकी जिम्मेदारी खुद अपनी सीट नहीं बचा सके नरोत्तम मिश्रा को मिली है। उम्मीद तो ये थी कि इस सीट पर कोई जीता हुआ दिग्गज चेहरा होगा या फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया के कोई करीबी होंगे, लेकिन इसकी जगह नरोत्तम मिश्रा को पार्टी ने एक बार फिर अपनी काबीलियत साबित करने का मौका दिया है।
भूपेंद्र सिंह को सागर की जिम्मेदारी
ग्वालियर चंबल की चार लोकसभा सीटों को मिलाकर एक क्लस्टर बनाया गया है। इसमें मुरैना, भिंड, ग्वालियर और गुना-शिवपुरी लोकसभा सीटों को शामिल किया गया है। नरोत्तम मिश्रा इसी क्लस्टर की जिम्मेदारी संभालेंगे। सागर क्लस्टर का जिम्मा शिवराज के खासमखास रहे भूपेंद्र सिंह को दिया गया है। फिलहाल उन्हें कैबिनेट की जिम्मेदारियों से फारिग ही रखा गया है। बुंदेलखंड क्षेत्र की चार लोकसभा सीटों को मिलाकर बनाए गए क्लस्टर में सागर, दमोह, टीकमगढ़ और खजुराहो सीटें शामिल की गई हैं।
प्रहलाद पटेल को छिंदवाड़ा का जिम्मा
लोकसभा के बाद विधानसभा चुनाव में अपना कौशल दिखा चुके प्रहलाद पटेल को महाकौशल की जिम्मेदारी मिली है. छिंदवाड़ा की सबसे अहम सीट उन्हीं के कल्स्टर में शामिल है. महाकौशल क्षेत्र की चार लोकसभा सीटों को मिलाकर एक क्लस्टर बनाया गया है। जबलपुर क्लस्टर में मंडला, बालाघाट, जबलपुर और छिंदवाड़ा लोकसभा सीटों को शामिल किया गया है। डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल पर रीवा और शहडोल क्लस्टर की जिम्मेदारी है। विंध्य क्षेत्र की चार सीटों को मिलाकर बनाए गए क्लस्टर में रीवा, सतना, सीधी और शहडोल लोकसभाओं को शामिल किया गया है।
एक बार फिर कैलाश विजयवर्गीय को मालवा की जिम्मेदारी
भोपाल-नर्मदापुरम की जिम्मेदारी विश्वास सारंग को सौंपी गई है। इस क्लस्टर में पांच लोकसभा सीटों को शामिल किया गया है। इस क्लस्टर में होशंगाबाद, बैतूल, विदिशा, भोपाल, राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र को शामिल किया गया है। मालवा का जिम्मा एक बार फिर कैलाश विजयवर्गीय के पास है। मालवा क्षेत्र की पांच लोकसभा सीटों को मिलाकर एक क्लस्टर बनाया गया है। इसमें इंदौर, धार, खरगोन, खंडवा और देवास लोकसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इस क्लस्टर का इंचार्ज बीजेपी के वरिष्ठ नेता और नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को बनाया गया है। डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा को उज्जैन की जिम्मेदारी मिली है। उज्जैन संभाग की तीन सीटों को मिलाकर एक क्लस्टर बनाया गया है। इस क्लस्टर में उज्जैन, रलताम, मंदसौर लोकसभाएं शामिल की गई हैं।
बीजेपी की इस अहम बैठक में प्रदेश से जुड़े ये अहम फैसले लेने के लिए आलाकमान के अलावा एमपी बीजेपी के अध्यक्ष वीडी शर्मा, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा व राजेंद्र शुक्ला, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल, विश्वास सारंग और भूपेंद्र सिंह मौजूद रहे।
राकेश सिंह को नहीं मिली किसी क्लस्टर की जिम्मेदारी
वैसे ये भी बता दें कि मोहन यादव को भी पार्टी अहम जिम्मेदारी सौंपने वाली है। उन्हें यूपी का जिम्मा सौंपा जा सकता है, लेकिन दो चेहरों को लेकर सवाल जरूर उठ रहे हैं। पहला सवाल राकेश सिंह को लेकर है, जिन्हें प्रदेश में कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है, तो, क्या उन्हें बीजेपी लोकसभा का चुनाव लड़वा सकती है, क्योंकि जबलपुर सीट से वो अब भी पार्टी के लिए मुफीद चेहरे हैं।
लोकसभा चुनाव के बाद नरोत्तम मिश्रा की भूमिका का क्या होगी?
इसके अलावा नरोत्तम मिश्रा को क्लस्टर की जिम्मेदारी देकर ये तो साफ कर दिया कि उन्हें लोकसभा चुनाव का टिकट मिलने की संभावना कम हो गई है, तो अब चुनाव के बाद नरोत्तम मिश्रा का भविष्य क्या होगा। क्या किसी खाली सीट से चुनाव लड़कर वो विधानसभा पहुंचेंगे या, प्रदेश अध्यक्ष का पद उनके नाम पर होगा। क्योंकि मौजूदा अध्यक्ष वीडी शर्मा का पद भी अभी खाली होने वाला है, इसके अलावा वो राज्यसभा के भी दावेदार हो सकते हैं।
प्रदेश में सात शहरों में वॉर रूम बनाएगी बीजेपी
खैर अब एक बार फिर बीजेपी की लोकसभा चुनाव की तैयारियों का पर बात करते हैं। क्लस्टर बनाने के बाद बीजेपी ने आगे की रणनीति भी तय कर दी है। लोकसभा चुनाव के लिए प्रदेश में बीजेपी सात शहरों में वॉर रूम बनाएगी। इन वॉर रूम्स में आईटी, सोशल मीडिया, क्लस्टर इंचार्ज के अलावा, क्लस्टर मीडिया सेंटर जैसी तमाम जरूरी व्यवस्थाएं की जाएंगी। इन सभी क्लस्टर्स से ही बीजेपी चुनावी रणनीति संचालित करेगी। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, उज्जैन और इंदौर में क्लस्टर वॉर रूम बनाए जाएंगे। जहां से बीजेपी की पूरी सेना युद्ध के लिए आयुध सप्लाई करेगी। इन्हीं वॉर रूम से प्रदेश की सारी 29 सीटें जीतने और अबकी बार चार सौ पार का सपना पूरा करने की प्लानिंग की जाएगी।