JAIPUR. राजस्थान में सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (OPS) जारी रहेगी या नहीं इसे लेकर हालांकि संशय की स्थिति बनी हुई है लेकिन इसी बीच राजस्थान के वरिष्ठ बीजेपी नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने शिक्षकों के सम्मेलन में कहा कि पुरानी पेंशन योजना को बंद किए जाने को लेकर भांति फैलाई गई है। किसी भी बीजेपी नेता ने यह नहीं कहा है कि इसे बंद किया जा रहा है।
पदोन्नति का लाभ मिलने के साथ तृतीय श्रेणी के तबादलों पर सरकार गंभीर
दरअसल शुक्रवार को जयपुर में राजस्थान शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ का प्रांतीय अधिवेशन का आयोजन किया किया। सम्मेलन की अध्यक्षता विधानसभा मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने की। कार्यक्रम के दौरान बीजेपी नेता राजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार के मंत्री व नेताओं ने पुरानी पेंशन बंद करने को लेकर बीजेपी नेताओं के बारे में भ्रांति फैलाई गई, जबकि किसी भी बीजेपी पदाधिकारी और मंत्री ने ओपीएस बंद करने की बात नहीं कही। राठौड़ ने आगे कहा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता है उसका काम बच्चों को पढ़ाने तक है लेकिन पिछले काफी समय से शिक्षकों पर अनावश्यक गैर शिक्षण कार्य लाद दिए गए हैं जो ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि शिक्षक वर्ग को समय पर पदोन्नति मिले और तृतीय श्रेणी शिक्षकों के पॉलिसी के तहत तबादले होने के साथ टीएसपी एवं प्रतिबंधित जिलों के शिक्षकों का भी समायोजन किया जा सके इसके लिए सरकार गंभीर है।
राजेंद्र सिंह राठौड़ का बयान अहम
राजस्थान में सरकारी कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम कांग्रेस सरकार ने लागू कर दी थी लेकिन इसका पूरा लाभ कर्मचारियों को नहीं मिल पाया था क्योंकि कर्मचारियों के हिस्से का जो पैसा केंद्र सरकार के पास जमा था वह रिलीज नहीं किया गया था। चुनाव के समय कांग्रेस नेताओं ने कहा था कि यदि बीजेपी की सरकार आ गई तो ओल्ड पेंशन स्कीम बंद कर दी जाएगी। खुद बीजेपी के नेता भी ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर खुलकर कुछ नहीं कह रहे थे। अब सत्ता परिवर्तन के बाद राजेंद्र राठौड़ का यह बयान अहम माना जा रहा है। हालांकि राजेंद्र राठौड़ अभी सरकार में नहीं है क्योंकि वे विधायक नहीं बन सके लेकिन पार्टी के बड़े नेता हैं और सरकार के मुख्य सलाहकारों में उनकी गिनती होती है।
जल्द होगा शिक्षकों की लंबित समस्याओं का निराकरण
समारोह की अध्यक्षता कर रहे विधानसभा के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि पिछली सरकार ने शिक्षा के ढांचे को जिस तरह से बिगड़ा गया है उसे जल्द सुधार करने का प्रयास करने के साथ शिक्षक कर्मचारियों की लंबित समस्याओं का संवेदनशीलता के साथ निराकरण कराया जाएगा। प्रांतीय अध्यक्ष शेर सिंह चौहान ने शिक्षकों की पिछले तीन शैक्षिक सत्रों से पदोन्नतियां नहीं किए जाने और प्रदेश में 20 हजार से ज्यादा अधिशेष हुए शिक्षकों के समायोजन सहित टीएसपी एवं डार्क जोन में लगे शिक्षकों का उनके गृह जिलों में समायोजन करने का आग्रह किया।
संघ के प्रदेश महामंत्री राजेश शर्मा ने प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना को बंद करने, शिक्षक तबादला नीति लागू करने के नाम पर 2018 से तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण नहीं करने तथा कांग्रेस शासन में अंग्रेजी माध्यम एवं क्रमोन्नत स्कूलों में शिक्षकों के पद सृजित नहीं करने से बच्चों की पढ़ाई के नुकसान को उठाते हुए जल्द समाधान करने का आग्रह करने की मांगे रखी। संघ के प्रवक्ता नारायण सिंह ने बताया कि प्रांतीय सम्मेलन में प्रदेश भर के एक हजार के करीब शिक्षकों ने भाग लिया। खुले अधिवेशन में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए डेली गेट्स ने शिक्षा में गुणात्मक सुधार ,नई शिक्षा नीति, परीक्षा परिणाम व शैक्षिक उन्नयन को लेकर मंथन कर सरकार को प्रस्ताव भिजवाने का निर्णय लिया।