जितेंद्र सिंह, GWALIOR. ग्वालियर में बीजेपी नेता की भांजी के डुप्लीकेट मेडिकल दस्तावेज निकालने की कोशिश करने वाली युवती को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। युवती महाराष्ट्र के मालेगांव नगर निगम में बीजेपी नेता की भांजी के नाम पर रीजनल मेडिकल ऑफिसर के पद पर पदस्थ है। हालांकि युवती के पिता और डिग्री में लिखा नाम अलग-अलग है। मेडिकल कॉलेज के क्लर्क ने बीजेपी नेता को सूचना दी और दोनों पकड़े गए। पुलिस पकड़े गए दोनों आरोपियों से पूछताछ में जुट गई है।
बीजेपी नेता की सूचना पर होटल से गिरफ्तार
महाराष्ट्र मालेगांव की प्रतीक्षा और उसका साथी मोहम्मद शफीक ग्वालियर के सिटी सेंटर के होटल विराट में रुके हुए थे। दोनों मेडिकल कॉलेज से बीजेपी नेता सतीश बोहरे की भांजी डॉ. प्रतीक्षा के मेडिकल डॉक्यूमेंट निकलवाने का प्रयास कर रहे थे। मेडिकल कॉलेज का कर्मचारी सतीश बोहरे और उनकी भांजी को जानता था तो उसकी सूचना पर बीजेपी नेता ने झांसी रोड थाना पुलिस को सूचना दे दी, जिसके बाद दोनों को होटल से गिरफ्तार किया गया।
इंटर्नशिप के कागज निकालने आई थी युवती
पुलिस को होटल की तलाशी में मिली फाइल से पता चला कि युवती मालेगांव नगर निगम में रीजनल मेडिकल ऑफिसर के पद पर पदस्थ है। नौकरी के लिए युवती अक्टूबर 2022 में जीवाजी विश्वविद्यालय से डॉ. प्रतीक्षा शर्मा की डुप्लीकेट डिग्री पहले ही ले जाकर उपयोग कर चुकी है। अब वह इंटर्नशिप के डुप्लीकेट दस्तावेज लेने के लिए ग्वालियर आई थी।
मूल दस्तावेज खोने का आवेदन लगाया था
पूछताछ में पता चला कि युवती और उसके साथी ने डॉ. प्रतीक्षा शर्मा के दस्तावेज प्राप्त करने के लिए मेडिकल कॉलेज में आवेदन किया था, जिसमें लिखा था कि मूल दस्तावेज खो गए हैं। इस कारण उसकी डुप्लीकेट प्रति उपलब्ध करवाई जाए। पर जिस क्लर्क को आवेदन दिया, वो बीजेपी नेता और उनकी भांजी को जानता था, जिस कारण पूरा मामला सामने आया।
विवि और मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों की मिलीभगत का शक
झांसी रोड टीआई शैलेंद्र भार्गव के अनुसार आरोपी युवती और उसके साथी से पूछताछ के बाद शक है कि जीवाजी विश्वविद्यालय और गजराराजा मेडिकल कॉलेज के भीतर का कोई व्यक्ति इस गिरोह से जुड़ा हुआ है। फिलहाल पुलिस ने दोनों आरोपियों को 5 दिन की रिमांड पर लिया है। पुलिस का मानना है कि इन दोनों आरोपियों से और कई अहम खुलासे हो सकते हैं।
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जीआरएमसी डीन बोले- रेस्ट्रोग्रेट जांच होगी
गजराराजा मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अक्षय निगम ने मामले की रेस्ट्रोग्रेट (उल्टी) जांच कराने के निर्देश दिए हैं। इस जांच के तहत आखिर से लेकर शुरुआत तक डुप्लीकेट मार्कशीट निकालने के मामलों का निरीक्षण किया जाएगा। जिन भी पासआउट विद्यार्थियों की डुप्लीकेट मार्कशीट निकाली गई है, उन सभी से संपर्क कर इसकी जानकारी दी जाएगी।