DURG/ BILASPUR. दुर्ग में बीजेपी नेता सांसद विजय बघेल ने कहा है कि सभी वर्गों के साथ विचार करने के बाद बीजेपी का घोषणा पत्र बनेगा, अभी से घोषणा पत्र में क्या होगा नहीं बता सकते है। बीजेपी के घोषणा पत्र संयोजक सांसद विजय बघेल ने संयोजक बनने के बाद पहली बार पत्रकारों से चर्चा के दौरान कई बातों पर प्रकाश डाला, उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में ऐसी बातों को डाल दिया, जिसे वे पूरा कर ही नहीं सकते थे, सत्ता में आने के लिए कांग्रेस ने जनता से दगाबाजी की है।
टीएस सिंहदेव को लेकर बोले सांसद विजय बघेल
वहीं उन्होंने कांग्रेस के तत्कालीन घोषणा पत्र प्रभारी टी एस सिंहदेव के नाम का सम्बोधन करते हुए कहा कि उन्होंने 2023 के घोषणा पत्र से अपने आपको दूर कर लिया है, उसका कारण भी यही है की वे जानते है कि पिछले घोषणा पत्र को पूरा नहीं कर पाए, घोषणा पत्र संयोजक के बाद मुख्यमंत्री का चेहरा होने की बातों को उन्होंने खारिज करते हुए कहा कि सभी बातें पार्टी तय करती है, संयोजक बनाये जाने पर लोकसभा क्षेत्र के बीजेपी पार्टी से जुड़े लोगों ने उनका स्वागत सम्मान किया है।
नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने भूपेश सरकार पर हमला बोला
इधर बिलासपुर में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने भूपेश सरकार पर हमला बोला। प्रदेश में किसानों के कम होते रकवा व धान खरीदी में बड़े पैमाने पर हो रही गड़बड़ी को बताया। नेता प्रतिपक्ष ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए भूपेश सरकार के उस तथ्य को गलत ठहराया जिसमें राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि केन्द्र सरकार राज्य से 80 फीसदी धान नहीं लेती, जबकि असल तथ्य यह है कि केंद्र सरकार ना सिर्फ राज्य के 80 फीसदी धान को खरीदती है बल्कि धान के भुगतान का तीन चौथाई हिस्सा भी देती है ।
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सरकार ने अभी तक किसानों के प्रति संवेदनशीलता नहीं दिखाई
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश के 18 लाख से अधिक किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से वंचित हैं लेकिन राज्य सरकार को इस बात की परवाह नहीं। नेता प्रतिपक्ष ने किसानों के द्वारा पूर्व में लिए गए कर्जे का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने अभी तक इन किसानों के प्रति संवेदनशीलता नहीं दिखाई है और किसान अब डिफॉल्टर होने के कगार पर हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वादे के मुताबिक किसानों को बारदाने का पैसा भी अभी तक नहीं मिला है। नए गिरदावरी होने के बाद बहुतायत किसानों के जमीन गुम होने की शिकायत भी है और अब ये किसान धान बेचने से वंचित हो रहे हैं।