BHOPAL. बिहार में बीजेपी अब पूरी तरह चुनावी मोड में आ चुकी है। इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी ने अपनी रणनीति को जमीन पर उतारना शुरू कर दिया है। इसी प्लानिंग के तहत बीजेपी की नजर अब आरजेडी के वोटबैंक पर है। लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल का कोर वोटबैंक यादव समाज को माना जाता है। अब, भारतीय जनता पार्टी 'मिशन यादव' के तहत इसी वोटबैंक में सेंध लगाने की तैयारी कर रही है।
ट्रंप कार्ड साबित हो सकते हैं यादव
बिहार में लालू यादव पिछड़े वर्ग के सबसे बड़े नेता माने जाते हैं, जो बीजेपी की राह में सबसे बड़ा रोड़ा भी हैं, ऐसे में 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी नई राजनीतिक जमावट में जुटी है, जिसमें एमपी के सीएम मोहन यादव सबसे अहम किरदार हैं। ऐसा माना जा रहा है कि मोहन यादव बिहार और यूपी में बीजेपी के लिए ट्रंप कार्ड साबित हो सकते हैं। बता दें कि आज यानी 18 जनवरी को मोहन यादव बिहार की राजधानी पटना के दौरे पर हैं। वे यहां बीजेपी कार्यालय में बैठक करेंगे। साथ ही यादव समाज के कार्यक्रम में भी शामिल होंगे। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बीजेपी मोहन यादव के जरिए बिहार में यादव वोट बैंक में सेंधमारी की तैयारियों में जुट गई है।
इस्कॉन मंदिर में करेंगे पूजा
बता दें कि सीएम मोहन यादव आज करीब 5 घंटे पटना में रहेंगे। यहां उनका भव्य स्वागत किया जाएगा। मोहन यादव बिहार प्रदेश बीजेपी कार्यलय में विधायक, सांसद, पूर्व विधायक और प्रदेश प्रभारियों के साथ बैठक करेंगे। इस मीटिंग में लोकसभा चुनाव को लेकर विचार-विमर्श किया जाएगा। इसके बाद वह इस्कॉन मंदिर में पूजा करेंगे। बिहार में पिछले 30 सालों की राजनीति को देखा जाए तो लालू यादव और नीतीश कुमार के आगे आने के बाद दोनों नेताओं की पार्टियां RJD और JDU मुस्लिम और यादवों के बीच मजबूत किलेबंदी करके अपनी सरकारें चलाती रही हैं। इस दौरान बीजेपी ने नीतीश कुमार के साथ गठबंधन सरकार तो चलाई लेकिन खुद कभी सीधे सत्ता में नहीं आ पाई।
बिहार में कुल 40 लोकसभा सीट
लोकसभा चुनाव से पहले सीएम मोहन यादव के बिहार दौरे के कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। उनके इस दौरे के बिहार में यादव वोट बैंक से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल, जातीय जनगणना के मुताबिक बिहार में करीब 14 प्रतिशत यादव समाज की आबादी है, ऐसे में मोहन यादव को बिहार में बुलाकर बीजेपी यादव वोटर्स का ध्यान अपनी ओर खींचने की कोशिश में जुटी है। 2 अक्टूबर 2023 को बिहार सरकार ने राज्य की जातीय जनगणना के आंकड़े जारी किए थे। इन आंकड़ों के मुताबिक, बिहार की आबादी में करीब 14 प्रतिशत यादवों की भागीदारी है। बता दें कि बिहार में कुल 40 लोकसभा सीट हैं, जिनमें से 5 लोकसभा सीटों पर यादव समाज निर्णायक भूमिका में है।