संजय गुप्ता. INDORE. इंदौर में बजरंग दल कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों पर हुए जमकर लाठीचार्ज के बाद पूरी बीजेपी बैकफुट पर आ गई है। गुरुवार (15 जून) रात को हुई घटना के ठीक 40 दिन पहले मई के पहले सप्ताह में कर्नाटक चुनाव के समय बजरंग दल को बैन करने की बात कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में कही। इसका बीजेपी ने जमकर विरोध किया और सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि- कांग्रेस की मति मारी गई है, बजरंग दल प्रखर राष्ट्रवादी संगठन है, यह आतंकवाद, लव जिहाद का विरोध करता है, समाजिक सेवा करता है, धर्म और संस्कृति के प्रति स्वाभिमान और जागर का भाव पैदा करता है। वहीं बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि बजरंग दल राष्ट्रवादी युवाओं का संगठन है, जो हमेशा आतंकवाद, नक्सलवाद को रोकने के काम करता है। उधर, पीएम नरेंद्र मोदी सहित वरिष्ठ नेताओं ने बजरंग बली के नाम पर कर्नाटक में ईवीएम बटन दबाने की बात कही थी।
सभी बीजेपी नेताओं ने साधी चुप्पी, किसी का कोई ट्वीट संदेश नहीं
इस घटना के बाद सभी बीजेपी नेताओं ने इस घटना पर चुप्पी साध ली है। केवल विधायक मालिनी गौड़ ने इसका विरोध किया। मालिनी गौड़ के बेटे और हिंद रक्षक के संयोजक एकलव्य सिंह गौड़ आगे आए। उधर, देर रात पार्टी की ओर से नगराध्यक्ष गौरव रणदिवे उनसे मिलने जेल में पहुंचे लेकिन घटना को लेकर कोई बयान जारी नहीं किया। उधर कांग्रेस इस पर खुलकर खेल रही है और बीजेपी, सीएम से पूछ रही है कि अब क्या हुआ राष्ट्रभक्त संगठन का क्यों फिर लाठियां चलवाई। इस पूरे मामले से बीजेपी बैकफुट पर पहुंच चुकी है। उधर हिंदू संगठन की शुक्रवार (16 जून) दोपहर में बैठक हो रही है।
बजरंग दल वाले हट रहे थे, बात हो गई थी, तभी गिरफ्तारी के साथ हो गया लाठी चार्ज
सूत्रों के अनुसार बजरगं दल वाले लगातार जिले के आला अधिकारियों से मिलकर यह बात बताने की कोशिश कर रहे थे कि उनके कार्यकर्ताओं के साथ गलत एफआईआर हो रही है। लेकिन जब सुनवाई नहीं हुई तो वे गुरुवार (15 जून) शाम को पुलिस कमिश्नर के पास ज्ञापन देने गए, लेकिन वह नहीं आए। उन्होंने टीआई पलासिया संजय बैंस से बात की तो उन्होंने उलटा कह दिया कि इस तरह हरकत करोगे तो और केस करेंगे। इसके बाद बात बिगड़ गई। इस दौरान जोन के संयोगितागंज टीआई तहजीब काजी, छोटी ग्वालटोली टीआई राकेश मोदी और एसीपी पूर्ति तिवारी मौजूद थीं। सभी चौराहे पर जाकर बैठ गए।
इस दौरान फिर पुलिस और बजरंग दल के अभिषेक उदानिया, तन्नू शर्मा, राजेश बिजवे की पुलिस के साथ बात हुई और वे हटने के लिए तैयार हो गए। इसी दौरान एसीपी तिवारी और टीआई बैंस ने उनकी गिरफ्तारी शुरू कर दी। इससे कार्यकर्ता उग्र हो गए और इसी समय डीसीपी धर्मेंद्र भदौरिया के साथ हल्की धक्का-मुक्की हुई और इसके बाद एसीपी तिवारी ने लाठीचार्ज के आदेश दे दिए। इसके बाद पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी। इसके बाद कार्यकर्ता यहां-वहां भागे और जाते-जाते 56 दुकान के पास पथराव कर गए।
इन सभी की हुई गिरफ्तारी
पुलिस ने इस घटना में जितेंद्र जाट, विकास, लोकेश प्रजापत, अमन रोकड़े, अभिषेक उदेनिया, राजेश, यश, धर्मेद्र, आकाश, चंद्रेश और तन्नु शर्मा कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया था। इन्हें अलसुबह मुचलके पर छोड़ा गया। घटना में कुछ सिपाही भी घायल हुए हैं, इनकी मेडिकल के बाद इन सभी पर धाराएं बढ़ने की आशंका है, जिसके बाद इनकी परेशानी बढ़ेगी। अभी बजरंग दल की ओर से क्रॉस एफआईआर का आवेदन नहीं गया है।
पुलिस का इंटेलीजेंस हुआ फेल
पुलिस घटना के बाद बार-बार कह रही है कि उन्हें नहीं पता था कि बजरंग दल ऐसा करेंगे। यानि उनका इंटेलीजेंस सिस्टम पूरी तरह फेल साबित हुआ। जबकि सभी को पता था कि बजरंग दल ज्ञापन देने आ रहे हैं, इसकी सूचना ग्रुप पर सुबह से ही चल रही थी। इसके बाद भी डेढ़ घंटे तक पलासिया जैसा अहम चौराहा पूरी तरह से जाम रहा और बजरंग दल और पुलिस के बीच विवाद, लाठीचार्ज यह सभी चलता रहा। कुछ साल पहले इसी तरह घटनाक्रम तत्कालीन डीआईजी संतोष सिहं के समय हुआ था, जब एक वर्ग विशेष ने पूरा रीगल तिराहा जाम कर दिया था और पूरे शहर से बाइक से निकले युवक वहां पहुंच गए थे।
यह मांग लेकर गए थे बजरंग दल कार्यकर्ता, पदाधिकारी
बजंरग दल और विश्व हिंदू परिषद की मांग थी कि उनके कार्यकर्ताओं पर थाने में झूठे केस हो रहे हैं। उनके कार्यकर्ता अनिल पाटिल के खिलाफ कमाल खान के बेटे माज के कहने पर पलासिया, मल्हारगंज और छत्रीपुरा में विद्वेष पूर्ण तरीके से केस दर्ज किए गए हैं। इनका लगातार हम विरोध कर रहे हैं। माज खान ड्रग डीलर है और बीजेपी के नेता कमाल खान के दबाव में पुलिस हमारे ही कार्यकर्ताओं पर केस कर रही है। साथ ही पुलिस नशाखोरी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले रही है, सभी जगह जमकर बार-पब चल रहे हैं और ड्रग्स का धंधा चल रहा है। पुलिस थानों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इसलिए हम इन मागों को लेकर यह प्रदर्शन कर रहे हैं।
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हमें चिन्हित कर पुलिस ने मारा, लाठीचार्ज किया
इस प्रदर्शन को लेकर विभाग मंत्री राजेश बिजवे ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद तीन माह से नशे के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है। पूर्व में भी चेतावनी दी थी लेकिन हमार कार्यकर्ता पर केस हो रहे हैं, हम इसी मामले के लेकर ज्ञापन देने पुलिस कमिशनर के पास आए लेकिन कोई वरिष्ठ अधिकारी नहीं आया, इसके बाद हमारे कार्यकर्ता जनांदोलन कर रहे थे लेकिन पुलिस ने गिरफ्तारी ली और बिना सूचना के चिन्हित कर हमारे पदाधिकारियों विभाग संगठन मंत्री अभिषेक, मुझ पर, विभाग संयोजक तन्नू शर्मा सभी पर जमकर लाठीचार्ज किया, पीटा गया। यह सब मिलीभगत है। बीजेपी नेता कमाल खान ही यह केस करा रहे हैं, यह भ्रष्ट नेता जो बीजेपी के संरक्षण में उनका नाम लेकर अपना धंधा चला रहे हैं, इन सभी के खिलाफ हमारा प्रदर्शन था।
पुलिस ने यह कहा
पुलिस ने कहा कि बजरंग द्वारा बिना किसी सूचना के और मंजूरी के यह पलासिया चौराहे पर जाम किया और प्रदर्शन किया, पुलिस द्वारा समझाइश दी गई लेकिन वह नहीं मान रहे थे इसलिए हल्का बल का उपयोग किया। इसमें पुलिस के भी कुछ जवान घायल हुए हैं। इस मामले में कार्रवाई की जा रही थी। अधिकारियों ने कहा कि इन्होंने कोई मांग पत्र पेश नहीं किया और ना ही मंजूरी ली।
मामले पर बोले वीडी शर्मा- दोषी अफसर बचेंगे नहीं
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के साथ जो भी घटना हुई है, लाठीचार्ज हुआ है, उनसे मेरी बातचीत वहां हुई है। हम इसके बारे में पूरी जानकारी लेने की भी कोशिश कर रहे हैं। हमारे बजरंग दल के कार्यकर्ता जो आंदोलन करने का प्रयास कर रहे थे और किन्हीं कारणों से कुछ मांगें कर कर रहे थे। अगर उन पर बर्बरतापूर्वक लाठी चार्ज हुआ है तो जो भी दोषी अधिकारी होंगे, कोई नहीं बचेगा।