हरीश दिवेकर @ BHOPAL
सर्द हवाएं और चिलचिलाती धूप है इन दिनों...। ऐसा ही मौसम है अपने एमपी का। सियासत का मिजाज भी कुछ यूं ही चल रहा है। एक पहर गर्मी और दूजे पहर शीतल मिजाज। मामा कह रहे हैं उन्हें फॉर्मर सीएम कहिए, लेकिन रिजेक्टेड नहीं। तो भैया प्लीज उन्हें कोई रिजेक्टेड CM मत कहना...। डॉक्टर साहब कहते हैं राम की चिड़िया, राम के खेत… खाओ री चिड़िया भर- भर पेट। अब इसका क्या अर्थ निकालें बॉस। हालांकि वे प्रशासनिक कसावट पर भी फोकस कर रहे हैं। अब सारी जमावट लोकसभा चुनाव के मद्देनजर की जा रही है। इसी सिलसिले में प्रदेश के एनपीएस वाले 4.60 लाख कर्मचारियों के लिए पेंशन नियमों में संशोधन किया जा रहा है। कर्मचारी ने चाहे गबन किया हो, कोर्ट ने सजा दे दी हो या नौकरी से निकाला जा चुका हो, उसे पेंशन जरूर मिलेगी। सूबे को नया मुखिया तो मिल गया, लेकिन अभी यह तय नहीं हो पाया कि प्रशासनिक मुखिया कौन होगा! मुख्य सचिव पद के लिए मारामारी जारी है। उधर, एमपी में 10th फेल रिलीज हो गई है। जी हां, एक 10वीं फेल ने नेताजी के नाम पर कमाल कर दिया है। देश- प्रदेश में खबरें तो और भी हैं, पर आप तो सीधे नीचे उतर आइए और 'बोल हरि बोल' के रोचक किस्सों का आनंद लीजिए। और हां, मकर संक्रांति की इस बेला में लड्डू खाकर पतंग जरूर उड़ाइए।
शिव के लड्डू राम को...
संक्रांति की बेला में पहली खबर लड्डू से जुड़ी है। डॉक्टर साहब सक्रियता दिखाने के लिए कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते। अब अयोध्या में 22 जनवरी को श्रीराम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में भगवान श्रीराम को प्रसाद स्वरूप चढ़ाने के लिए श्री महाकालेश्वर मंदिर से 5 लाख लड्डू भेजे जाएंगे। एक करोड़ रुपए खर्च कर मंदिर प्रबंध समिति 250 क्विंटल लड्डू प्रसादी भी तैयार करवा रही है।
मुख्य सचिव पद की मारामारी जारी आहे
मुख्य सचिव पद के लिए हर कोई दाव- पेंच लगाकर इस कुर्सी पर बैठना चाहता है, लेकिन अभी तक किसी को सफलता नहीं मिली। इधर, केन्द्र ने तत्काल प्रभाव से संजय बंदोपाध्याय की सेवाएं मप्र को जैसे ही लौटाईं, वैसे ही उनका नाम दावेदारों की सूची में शामिल हो गया। फिलहाल प्रशासनिक कामकाज अभी कार्यवाहक मुख्य सचिव महोदया ही संभाल रही हैं। अंदरखानों की मानें तो मैडम का रसायन डॉक्टर साहब के साथ बैठ गया है। ऐसे में संभावना है कि जल्द ही उनके मुख्य सचिव के आदेश जारी हो जाएं और उसके बाद उनके एक्सटेंशन की चिट्ठी भी दिल्ली भेजी जाए, लेकिन अभी कुछ पक्का नहीं कहा जा सकता। बस 'पतंगें' उड़ रही हैं।
डॉक्टर साहब कस रहे हैं लगाम...
मामा ने 18 साल तक राज किया, लेकिन उन पर अफसरशाही हावी होने की छाप ऐसी लगी कि वे चाहकर भी उसे हटा नहीं पाए। डॉक्टर साहब ने ताजपोशी होते ही सबसे पहले अफसरशाही पर लगाम कसकर संदेश दिया कि उन्हें अफसर नहीं चला पाएंगे। इतना ही नहीं कैबिनेट में भी वे अपने पास कार्यवाहक मुख्य सचिव को नहीं बैठाते। उनकी कुर्सी साइड में होती है। डॉक्टर साहब मंत्रियों को भी संदेश देना चाहते हैं कि सरकार हम चलाएंगे, अफसर नहीं। बहरहाल देखना होगा कि डॉक्टर साहब कितने दिनों तक अफसरों पर लगाम कसकर रख पाएंगे।
रिटायर्ड आईपीएस का प्रोजेक्ट...
एक रिटायर्ड आईपीएस अफसर मुख्यमंत्री कार्यालय में अपना प्रोजेक्ट लेकर घूम रहे हैं। उनका कहना है कि वे होमगार्ड में बिना सरकारी खर्च के सैनिक भर्ती करवा सकते हैं। बस एक बार मुख्यमंत्री से मिलवा दीजिए। अफसरों ने उनका प्रोजेक्ट ले लिया है। वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये साहब होमगार्ड में उच्च पद पर रह चुके हैं, वहां पर भारी भ्रष्टाचार के आरोप इन पर लगे थे। लोकायुक्त में मामला दर्ज होने के बाद इनकी पेंशन भी अटक गई थी।
टीआई मैडम को राजनीति का शौक
मालवा में पदस्थ रहीं एक टीआई मैडम को राजनीति का शौक लगा है। वे पुलिस की वर्दी उतारकर खादी पहनना चाहती हैं, मैडम विशेष समुदाय से आती हैं तो उन्हें उम्मीद है कि उन्हें विशेष समुदाय के होने का फायदा मिलेगा। सरकार में उच्च पद पर बैठे एक साहब मैडम को आश्वासन दे चुके हैं कि उनकी राजनीति में एंट्री दिलवाने के साथ टिकट की जुगाड़ भी करवा देंगे। जब से साहब ने आश्वासन दिया है तब से मैडम का खाकी से मोह भंग हो गया है।
उज्जैन में रामदेव का गुरुकुलम
बाबा रामदेव अब हरिद्वार की तर्ज पर उज्जैन में अपना गुरुकुलम खोलने की तैयारी में हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री मोहन यादव के हरिद्वार दौरे पर इसे लेकर चर्चा हुई है। बाबा रामदेव के गुरुकुलम के लिए उज्जैन में जमीन खोजी जा रही है। बाबा इसके पहले भी प्रदेश में बड़ा निवेश करने की कई बार बात कह चुके हैं, लेकिन मामला जमा नहीं। इस बार सीएम मोहन यादव खुद उज्जैन में जमीन दिलाने में रुचि ले रहे हैं, जमीन तय होते ही मामला आगे बढ़ जाएगा।
इस कांग्रेस का क्या करें...
विधानसभा चुनाव में करारी हार झेल चुकी कांग्रेस का तो भगवान ही मालिक है। पीसीसी के बाहर एक नेताजी कुछ इसी अंदाज में अपनी पार्टी को कोस रहे थे। दरअसल, इसकी वजह भी बड़ी थी। हुआ यूं कि लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर दिल्ली में बैठक हुई। फिर पीसीसी में विधानसभा सीट के प्रभारियों की मीटिंग बुलाई गई। बैठक में 230 प्रभारियों में से 100 ही पहुंच पाए। जब पूछा कि संख्या इतनी कम क्यों है तो बताया गया कि दोपहर में ही सूचना दी गई थी। इसलिए नहीं आ पाए।
10वीं फेल का खेला कर दिया
अभी चर्चा हालिया रिलीज फिल्म 12th फेल की चल रही है। हम आपको 10वीं फेल की फिल्म बताएंगे। दरसअल, खुद को मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव का करीबी बताकर एक युवक सीएम हाउस विंध्य कोठी तक पहुंच गया। वह यहीं नहीं रुका। इसके बाद वह ट्रांसपोर्ट कमिश्नर जैसे पदों पर ट्रांसफर और पोस्टिंग दिलाने का झांसा देकर ठगी करने लगा। शिकायत के बाद क्राइम ब्रांच ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। उसने कितने लोगों और कितनी ठगी की है, इसकी जांच चल रही है। आरोपी खुद को संघ के साथ कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी का भी करीबी बता रहा था। आरोपी 10वीं फेल है।