मोदी से बड़ा मोदी का नाम… चलो बच्चो, नमो ऐप डाउनलोड करो… और रामराजा की शरण में सरकार, सबकी अपनी धुन

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Harish Divekar
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मोदी से बड़ा मोदी का नाम… चलो बच्चो, नमो ऐप डाउनलोड करो… और रामराजा की शरण में सरकार, सबकी अपनी धुन

हरीश दिवेकर @ BHOPAL.

राम भजो भई राम...। जमीं से आसमां तक पूरा देश राममय है। क्या शहर, क्या गांव, हर ओर रामधुन की अनुगूंज है। सोशल मीडिया पर राम से जुड़ी बातें, विचार, मंदिर शेयर किए जा रहे हैं। अब भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (ISRO) ने स्वदेशी सैटेलाइट से ली गई अयोध्या की तस्वीर जारी की है। इन फोटोज में 2.7 एकड़ में बना राम मंदिर और सरयू नदी साफ नजर आ रही है।

आज रामलला की पुरानी प्रतिमा (रामलला विराजमान, जिनकी पूजा हो रही है) को राम मंदिर ले जाया जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा के लिए पंत प्रधान नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को ही अयोध्या आएंगे। ये तो हुई देश की बात। प्रभु की अगवानी के लिए अपना एमपी भी तैयार है। 22 जनवरी को डॉक्टर साहब यानी अपने मुख्यमंत्री मोहन यादव जी ओरछा में रहेंगे। एक मंत्री जी ने भजन गाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। कांग्रेस भी कहां पीछे रहती। नेता ओरछा पहुंचे और लगे हाथ राम- राम भज लिया। मैपकास्ट का भट्टा बैठ गया है। लालाजी ने झोली भर दी, पर मंत्री जी के अड़ंगे ने काम बिगाड़ दिया। चलिए खैर, देश- प्रदेश में खबरें तो और भी हैं पर आप तो सीधे नीचे उतर आइए और बोल हरि बोल के रोचक किस्सों का आनंद लीजिए।

मोदी से बड़ा मोदी का नाम...

राम से बड़ा राम का नाम...। ये तो हुई धर्म की बात, लेकिन राजनीति में मोदी से बड़ा मोदी का नाम हो गया है। इसे लेकर चौंका देने वाली जानकारी सामने आई है। बड़े साहब ने सरकारी हॉस्टल के बच्चों के मोबाइल में नमो ऐप डाउनलोड करवाने का फरमान जारी किया है। एमपी के विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति विकास विभाग ने इसे लेकर बाकायदा आदेश भी जारी कर दिए हैं। अरे भाई कहां है कांग्रेस नेता...। कुछ तो कीजिए जनाब।

ए सुनो! कुत्ते को टहला लाओ जरा...

कभी चिकन पार्टी तो कभी अपने बयानों से चर्चा में रहने वाले निमाड़ के एक मंत्री जी का गृह जिला अब फिर सुर्खियों में है। दरअसल, इस जिले के एक साहब ने छात्रावासों में तैनात कुछ कर्मचारियों को अपने यहां चाकरी पर लगा लिया है। आलम यह है कि साहब इन छह कर्मचारियों से कुत्ता टहलाने से लेकर घर में झाडू-पोंछा, सब्जी खरीदने और बागवानी के काम करवा रहे हैं। हालांकि यह कोई नया मामला नहीं है, लेकिन इससे छात्रावासों की व्यवस्थाएं गड़बड़ा रही हैं।

रामराजा सरकार की जय...

जात- पात पूछे नहीं कोई, जो हरि को भजे सो हरी का होई… चर्चित चौपाई है ये। राम मंदिर निर्माण की इस पावन बेला में 'हरि' को भजने में नेता भी पीछे नहीं हैं। मामा पहले ही ऐलान कर चुके थे कि 22 जनवरी को ओरछा में उत्सव मनाएंगे। अब पता चला है कि डॉक्टर साहब भी इस दिन ओरछा जाएंगे। सरकार यहां विशेष आयोजन करने जा रही है। अब इसके मायने आप ही निकालते रहिए, हमने तो आपको सूचना भर दे दी है। रामराजा सरकार की जय..!

गुड गवर्नेंस कहां है बॉस

गुड गवर्नेंस वाला संस्थान में इन दिनों न तो कुछ गुड है और न ही गवर्नेंस। नहीं समझे। चलिए बताते हैं। दरअसल, इस संस्थान की कमान सीनियर आईएएस अथवा रिटायर्ड आईएएस के हाथ में होती थी, लेकिन अब यह संस्थान आईएएस विहीन हो गया है। करीब एक दशक पहले अस्तित्व में आया यह संस्थान सुशासन पर काम करता था। पहले बाकायदा सीनियर आईएएस पदस्थ किए गए। फिर कमान रिटायर्ड अफसरों के हाथ में आ गई। एक बीजेपी नेता की भी यहां एंट्री हो गई। इस तरह धीरे- धीरे इसकी लुटिया डूबती गई और अब हाल बेहाल हैं।

इन पर मुसीबत आन पड़ी

भाजपा के तीन बड़े नेताओं पर मुसीबत आन पड़ी है। विशेष अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह के पर मानहानि का मुकदमा चलाने की व्यवस्था दी है। कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने इन तीनों के विरुद्ध 10 करोड़ रुपए की मानहानि का दावा पेश किया है। मामला पंचायत चुनाव से जुड़ा है। दावा है कि तीनों नेताओं ने तन्खा पर टिप्पणी की थी। देखना दिलचस्प होगा कि आगे क्या होता है।

क्या मैपकास्ट का भट्टा बैठ गया?

मैपकास्ट मतलब साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट। मियां अब यहां न तो साइंस बचा है और न ही टेक्नोलॉजी। इस महकमे का काम टेक्नोलॉजी देना, साइबर अटैक पर लगाम लगाना, डेटा को मैनेज करना होता है, लेकिन यहां रत्ती भर भी काम नहीं हो रहा। अब तो आईएफएस कहने लगे कि जब तक हमारे अंडर काम होता था, सब चंगा था। अब तो इसका भट्टा बैठ गया। जब देखो तब hacker विभागों की साईट hack कर लेते हैं।

अफसरी छोड़कर नेतागिरी कर लो

खबर एक सप्ताह पुरानी है पर चर्चित खूब है। मालवा निमाड़ के एक मंत्री जी अफसरों की बैठक में सीनियर अधिकारी से दो टूक बोल पड़े कि आप अफसरी छोड़िए और नेतागिरी कीजिए। क्योंकि आप बड़े तेज चल रहे हैं। अफसर सकपका गए। कारण पूछा तो मंत्री जी ने सवाल दाग दिया कि मुझे बताये बगैर तबादले कैसे हो गए। बड़े साहब ने सफाई देते हुए कहा कि अर्जेंट थे, इसलिए कर दिए। आगे से चपरासी का तबादला भी आपकी अनुमति के बिना नहीं होगा।

झोली भर दी, फिर भी तबादला नहीं

एडिशनल कलेक्टर लेवल के एक अफसर को इंदौर विकास प्राधिकरण खूब रास आ रहा था। इन लालाजी ने इंदौर प्रांत के संघ के एक बड़े पदाधिकारी से संपर्क साधा। उनसे राम- राम भी हो गई। अब काम तो होना ही था। सीएम तक हैलो हो गई। साहब का तबादला होने ही वाला था कि मंत्री जी ने अड़ंगा लगा दिया। अब ये साहब उछलकूद करते फिर रहे हैं। समझ नहीं आ रहा कि क्या करें। हालांकि उन्हें आश्वासन की पुड़िया तो मिल रही है, लेकिन लगता नहीं कि मंत्री जी की न के बाद उनका तबादला हो पाएगा।

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