BHOPAL. लोगों की मांग और सुविधा के लिहाज से मध्यप्रदेश की नई सरकार ने नया फैसला ले लिया है। राजधानी में अब बीआरटीएस टूटने वाला है। 13 साल पहले कुल 360 करोड़ रुपए में बीआरटीएस कॉरिडोर बना था। अब इसे हटाने में करीब 15 करोड़ रुपए खर्च होंगे। 360 करोड़ रुपए इस कॉरिडोर के मेंटेनेंस् पर हर साल लाखों रुपए खर्च हो रहे हैं। भोपाल BRTS (Bus Rapid Transit System) को हटाने के लिए 4 प्लान तैयार किए गए हैं।
BRTS हटाने के लिए 4 प्लान तैयार
दरअसल सीएम डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में मंगलवार को जब कॉरिडोर पर चर्चा शुरू हुई थी तो दो मंत्री, दो विधायक और महापौर ने हटाने की बात कही। हालांकि से इससे पहले कई मंत्री और विधायक इसे हटाने की पैरवी कर चुके हैं। सीएम ने तीन दिन में कॉरिडोर हटाने का डीटेल प्लेन मंगवाया था, जो अब तैयार हो गया है। आज पहले इस प्लेन को मुख्य सचिव वीरा राणा के सामने प्रजेंटे किया जाएगा। इसके बाद सीएम डॉ. मोहन यादव इसे देखेंगे। वहीं सीएम के साथ-साथ मंत्री विश्वास सारंग, कृष्णा गौर, विधायक रामेश्वर शर्मा, भगवानदास सबनानी भी इसे देखेंगे।
ये है BRTS हटाने के प्वाइंट
- संत हिरदाराम नगर और होशंगाबाद रोड पर सबसे पहले कॉरिडोर हटेगा। कार्रवाई कब से शुरू होगी और एक दिन में कितना हटेगा। ये सब चीजें प्लान में डीटेल में शामिल है।।
- रोशनपुरा, कमला पार्क, कोहेफिजा एरिया से कॉरिडोर हटाने का प्लान भी बना है।
- कॉरिडोर को रात में हटाने पर विचार हो रहा है। ताकि दिन में किसी को भी एक जगह से दूसरी जगह में जाने के लिए मुश्किल ना हो।
- कॉरिडोर को हटाने के बाद तुरंत लेन ठीक करने का प्लान भी रिपोर्ट में रहेगा।
13 साल पहले शिवराज सरकार में बना था BRTS
2009-2010 में शिवराज सरकार में मिसरोद से बैरागढ़ तक लगभग 24 किमी लंबा बीआरटीएस कॉरिडोर बनाया गया था। तब इस पर 360 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। बीसीएलएल (भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड) और नगर निगम ने 13 साल में कॉरिडोर के रख रखाव पर लाखों रुपए खर्च कर चुका है। इस सबके बावजूद कॉरिडोर से गुजरने वाले लाखों लोगों के लिए यह मुसीबत बना रहा। इंस्टीट्यूट ऑफ टाउन प्लानर्स ऑफ इंडिया (ITPI) के जनरल सेक्रेटरी वीपी कुलश्रेष्ठ का कहना है कि भोपाल में बीआरटीएस बना ही गलत है। शहर की सबसे मुख्य रोड पर BRTS बना दिया गया, लेकिन इसे आसपास की कॉलोनियों से कनेक्ट नहीं किया गया। शहर की सबसे प्रमुख सड़क होने के कारण स्वाभाविक रूप से फ्लाईओवर भी वहीं आए और डेडिकेटेड कॉरिडोर को हटाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा। अब मेट्रो भी आ रही है, ऐसे में BRTS को हटा देना ही ठीक है।