BHOPAL. मध्यप्रदेश को इसी साल एक और वाइल्ड लाइफ सेंचुरी की सौगात मिलने का रास्ता साफ हो गया है। मंत्रिमंडलीय समिति की स्वीकृति के बाद नया अभ्यारण्य बुंदेलखंड के सागर-छतरपुर और टीकमगढ़ जिलों की सीमा पर मूर्त रूप लेगा। अनुमानित बजट के प्रावधान और अन्य तैयारी के साथ फॉरेस्ट डिपार्टमेंट प्रस्ताव शासन को भेज चुका है और जल्द ही इस पर कैबिनेट की मुहर लगने की संभावना जताई जा रही है। प्रदेश में आकर लेने वाली ये 18वीं सेंचुरी होगी जो केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट के कारण डूब में आने वाले पन्ना टाइगर रिजर्व की वाइल्ड लाइफ का नया आशियाना बनेगी।
वाइल्ड लाइफ में समृद्धि के राह पर आगे मध्यप्रदेश
साल 2023 में नौरादेही सेंचुरी को प्रदेश में 7वें टाइगर रिजर्व के रूप में अपग्रेड किया गया है। इसके साथ ही एमपी सबसे ज्यादा टाइगर रिजर्व वाला स्टेट बन गया है। प्रदेश में अभी 16 वाइल्ड लाइफ सेंचुरी हैं। नई सेंचुरी के लिए बुंदेलखंड के सागर-छतरपुर और टीकमगढ़ जिलों की सीमा में बंडा-शाहगढ़ के जंगल को चिन्हित किया गया है। इसके लिए हेडक्वार्टर के आदेश पर फॉरेस्ट डिपार्टमेंट द्वारा नई सेंचुरी का सीमांकन के साथ ही यहां अधिकारी-कर्मचारियों की तैनाती और बजट एक्सपेंडिचर के साथ प्रपोजल तैयार किया जा चुका है। इस प्रस्ताव को जिला समिति के बाद वाइल्ड लाइफ बोर्ड ने भी स्वीकृति दे दी है। नई सेंचुरी बनने से बुंदेलखंड सहित पूरा प्रदेश में वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन के प्लेटफॉर्म पर नई पहचान बनाएगा।
इसलिए थी नई वाइल्ड लाइफ सेंचुरी की जरूरत
पन्ना टाइगर रिजर्व और आसपास का फॉरेस्ट लैंड देश के पहले रिवर कनेक्ट प्रोजेक्ट के कारण डूब क्षेत्र में आ रहा है। इसके इस वजह से आने वाले महीनों में टाइगर सहित दूसरे वन्य जीवों के माइग्रेशन के हालात बनना तय है। इसी अंदेशे के चलते राज्य सरकार की पहल पर फॉरेस्ट डिपार्टमेंट ने नौरादेही को पहले ही नए टाइगर रिजर्व का दर्जा दे दिया है। वहीं विभाग को धार के सरदारपुर क्षेत्र के फॉरेस्ट लैंड को डी-नोटिफाई करने के बदले में दूसरी जगह वन क्षेत्र को अधिसूचित करना था। इन दोनों कारणों से नई सेंचुरी की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है।
कैबिनेट की मुहर लगने की देर
फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के सचिव अरुण कुमार मिश्रा के अनुसार विभाग ने सभी तैयारियों के साथ प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। सभी व्यवस्थाएं भी जुटा ली गई हैं। जल्द ही इस प्रपोजल को बैठक में रखा जाएगा, जहां कैबिनेट की स्वीकृति मिलने के साथ ही नई सेंचुरी चिन्हित वन क्षेत्र में आकार लेना शुरू करेगी।