गुना में सेमरी घाटी पर बस पलटी, आग लगने से 13 यात्रियों की मौत, 18 झुलसे, डंपर चालक की लापरवाही से बड़ा हादसा

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BP Shrivastava
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गुना में सेमरी घाटी पर बस पलटी, आग लगने से 13 यात्रियों की मौत, 18 झुलसे, डंपर चालक की लापरवाही से बड़ा हादसा

GUNA. गुना के पास सेमरी घाटी पर डंपर की टक्कर से बस पलट गई और उसमें आग लग गई। जिससे उसमें सवार 13 यात्रियों की मौत हो गई,जबकि 18 लोग झुलस गए। हादसा बुधवार, 27 दिसंबर की रात साढ़े 8 बजे का है। देर रात तक बस से 13 डेड बॉडी निकाली ली गई थीं और 18 घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। बस में 31 सवारियां थीं।

हादसे की वजह घाटी पर डंपर का न्यूट्रल कर तेजी से चलाना था, साथ ही बस का खटारा होने बताया जा रहा है। ठंड और रात के दौरान डंपर चालक की लापरवाही से बड़ा हादसा हो गया।

cm mohan yadav (2).jpgगुना बस हादसे के घायलों से चर्चा करते सीएम डाॅ. मोहन यादव।

  • गुना के पास सेमरी घाटी ढलान पर डंपर चालक गाड़ी को न्यूट्रल कर उतार रहा था। डंपर की स्पीड तेज थी। सामने से आ रही बस में डंपर ने टक्कर मार दी। जिससे बस पलट गई और उसमें आग लग गई। बस में सवार 31 यात्रियों में से 13 की मौत हो गई। 18 घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।

    सीएम डॉ. मोहन यादव पहुंचे गुना...गुना में हुए हादसे की जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री ने मंत्रालय में पीडब्लूडी और कृषि विभाग की समीक्षा बैठक निरस्त कर दी है और सीएम सुबह भोपाल से गुना पहुंचे।





    मृतकों के परिवार को 4-4 लाख की सहायता

सीएम डॉ. मोहन यादव ने बस हादसे पर दुख व्यक्त किया है। साथ ही उन्होंने हादसे की जांच के आदेश दिए। इसके अलावा उन्होंने मृतकों के परिवार को 4-4 लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए की सहायता देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा, इस हृदय विदारक दुर्घटना में असमय मृत्यु को प्राप्त हुए दिवंगतों के परिजनों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। दुःख की इस विकट परिस्थिति में प्रदेश सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है। उधर, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी बस हादसे पर दुख जताया है।

घायलों में पांच महिलाएं और एक बच्ची भी शामिल, सूची देखें

  • मोहन सिंह पुत्र अलिय सिंह जाटव (35) बायपास रोड आरोन गुना
  • रितू पत्नी विजय (19) बजरंगढ़
  • गोरा बाई पत्नी रामकृष्ण ओझा (40) आरोन
  • सविता बाई पत्नी सीताराम ओझा
  • (40) बखरपुरा आरोन
  • विनिता बाई पत्नी शिव चरण ओझा (38) सदर
  • निशा बाई पत्नी अजय ओझा (21) सदर
  • चंद्रपाल पुत्र हरनाथ सिंह यादव (25) बजरंगगढ़
  • दीपक पुत्र ओमप्रकाश सोनी (20) पंचमुखी कॉलोनी कैंट
  • वंदना पुत्री बाल्लू जाटव (19) श्रीराम कॉलोनी बजरंगगढ़
  • सुनील पुत्र राधेश्याम (23) आरोन
  • करण पुत्र ख्याल सिंह भील (55) बजरंगगढ़
  • श्रीराम पुत्र मदनलाल ओझा (40)आरोन
  • अंकित कुशवाह (23) आरोन
  • सोनू अहिरवाल (29) आरोन
  • सोनाली पुत्री सोनू अहिरवार (6) सदर

बस खटारा थी, रजिस्ट्रेयन- बीमा भी नहीं था

हादसे का शिकार हुई बस खटारा हालत की थी। बस का रजिस्ट्रेशन भानु प्रताप सिकरवार के नाम पर है। बताते हैं कि बस का रजिस्ट्रेशन, बीमा, फिटनेस खत्म हो चुकी थी। यह बस कैसे रोड पर दौड़ रही थी, इसे लेकर अब सवाल उठ रहे हैं।

डेड बॉडियों को उठाने में गिर रहे थे अंग

हादसा इतना वीभत्स था कि शव को उठाने में भी अंग गिर रहे थे। बस कुल 13 शव निकाले गए हैं। बस के अंदर से जो 9 शव निकाले गए, उनमें 7 एक-दूसरे से चिपके थे। इनको बाहर निकालने तक में कर्मचारियों के हाथ कांप रहे थे। शव इतने झुलस गए थे कि पहचान में नहीं आ रहे हैं।

प्रत्यक्षदशियों की जुबानी, हादसे की कहानी

  • प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि घाटी पर चालक न्यूट्रल में डंपर उतार रहा था। इसी दौरान स्टीयरिंग और ब्रेक जाम हो गए और डंपर सीधे बस से जा टकराया। हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी पहुंच गए और फंसे लोगों को निकाला।
  • हादसे में घायल निशा ओझा ने बताया कि गुना कोर्ट से आरोन घर जा रहे थे। हादसे के समय कुछ देर तक समझ नहीं आया। इसके बाद खिड़की से बाहर निकले। तभी बस में आग लग गई।
  • मोहन सिंह ने बताया कि वह बेकरी का सामान लेकर आरोन जा रहा था। जिस ओर वह बैठा था उसी तरफ बस पलटी थी। मेरे ऊपर कई लोग गिर गए थे। बस गर्म हो रही थी, बड़ी मुश्किल में बस से बाहर निकला।
  • प्रत्यक्षदर्शी मुकेश धाकड़ ने बताया कि मैं ट्रैक्टर लेकर जा रहा था। हादसे को देखते ही मैं साथी के साथ बस के पास पहुंचा और 15-17 लोगों को खिड़कियों से निकाला।

बस में जेल से छूटी 5 महिलाएं भी थीं

बस हादसे का शिकार हुए यात्रियों में आरोन की 5 महिलाएं भी थीं। ये सभी मारपीट के केस में गुना जेल में बंद थीं। बुधवार शाम 6 बजे जमानत मिलने पर लौट रही थीं। विनीता ओझा ने बताया कि उनके अलावा सविता, गौरा बाई, निशा और संगीता की कोर्ट ने जमानत मंजूर की है। परिवार के 6 पुरुष सदस्य अभी भी जेल में हैं।

हादसा जानबूझकर कराया गया

बकौल विनीता कुछ दिन पहले परिवार का पड़ोसियों से जमीन को लेकर झगड़ा हो गया था। पड़ोसी ने पूरे परिवार को बंद करा दिया। यहां तक कि इंदौर में रह रही परिवार की एक बेटी का नाम भी FIR में लिखवा दिया। वह इंदौर से घर आई और उसकी भी गिरफ्तारी हो गई। वह भी हमारे साथ लौट रही थी। उसका पता नहीं है। विनीता ने आरोप लगाया कि हादसा जानबूझकर कराया गया है।

गुना हादसे पर बोले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव...

गुना पहुंचने पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा इस घटना में जो भी जिम्मेदार है उसे नहीं छोड़ेंगे। इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए प्रबंध करेंगे। सीएम ने कहा कि इस मामले में जांच के आदेश किए जा चुके हैं। प्रशासन इस तरह की घटनाओं को सख्ती से रोके, इसके लिए आवश्यक प्रबंध करेंगे। सड़कों पर इस तरह के जो डेंजर जोन हैं, उनको भी चिन्हित करेंगे।

हादसे की जांच के लिए 4 सदस्यीय कमेटी गठित

गुना में बस हादसे की जांच के लिए गुना कलेक्टर तरुण राठी ने चार अधिकारियों की कमेटी बनाई है। कमेटी घटना के विभिन्न पहलुओं- भीषण हादसे के कारण, दुर्घटनाग्रस्त बस और डंपर की विभिन्न प्रकार की अनुमतियों आदि की जांच, बस में आग लगने के कारण की जांच और मामले में उत्तरदायी विभागों की भूमिका आदि की जांच की जाएगी। जांच रिपोर्ट तीन दिन में कलेक्टर को प्रस्तुत करना है।

जांच कमेटी में ये अधिकारी शामिल

  • मुकेश कुमार शर्मा अपर जिला दण्डाधिकारी गुना
  • दिनेश सांवले, अनुविभागीय दण्डधिकारी अनुभाग गुना
  • अरुण कुमार सिंह, संभागीय उप परिवहन आयुक्त, ग्वालियर
  • प्राण सिंह राय, सहायक यंत्री, विद्युत सुरक्षा गुना



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