इंदौर हाईकोर्ट कमेटी को दरकिनार कर चंपू के रिश्तेदार ने सेटेलाइट में 57-57 लाख में बेच डाले प्लॉट, इसी जमीन पर 13 साल से स्टे

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BP Shrivastava
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इंदौर हाईकोर्ट कमेटी को दरकिनार कर चंपू के रिश्तेदार ने सेटेलाइट में 57-57 लाख में बेच डाले प्लॉट, इसी जमीन पर 13 साल से स्टे

संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में भूमाफिया चंपू अजमेरा, चिराग शाह, हैप्पी धवन सहित अन्य भूमाफियाओं की कॉलोनी कालिंदी गोल्ड, फोनिक्स और सेटेलाइट हिल को लेकर ढाई सौ से ज्यादा पीड़ित परेशान हैं। इन सभी मामले की सुनवाई हाईकोर्ट इंदौर द्वारा हाईकोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में बनी कमेटी कर रही है। लेकिन इसी कॉलोनी में से एक सेटेलाइट को लेकर चंपू अजमेरा के रिश्तेदार ने दोहरा खेल कर दिया है। 'द सूत्र' ने दो दिन पहले ही खुलासा किया था कि कोर्ट के स्टे के बाद भी चंपू अजमेरा के रिश्तेदार और कर्मचारी सचिन अजमेरा ने यहां पर दो एकड़ जमीन खरीद ली। अब द सूत्र की जांच में सामने आया है कि यह जमीन आगे भी प्लाॅट काटकर बेच दी गई है। ऐसे दो प्लॉट की रजिस्ट्री द सूत्र के पास आई है जिसमें 57-57 लाख रुपए में यह सौदे किए गए हैं। इसकी रजिस्ट्री डायमंड इन्फ्रास्ट्रक्चर की ओर से सचिन अजमेरा ने ही कराई है। 



इनके नाम पर हुईं दो रजिस्ट्रियां



द सूत्र के पास मौजूद दो रजिस्ट्रियां विवादित जमीन सर्वे नंबर मुंडला नायता 145/1/1, 148/1 149/1/1 138/1/1 की कुल 0.912 हेक्टेयर जमीन की है। रजिस्ट्री में लिखा है कि यह जमीन डायमंड इन्फ्रास्ट्रक्चर तर्फे सचिन अजमेरा पिता जम्मू अजमेरा ने 3 अक्टूबर 2022 को खरीदी थी। इस जमीन पर डायवर्सन आवासीय 2008 में ही हो चुका है और जमीन सेटेलाइट हिल्स का हिस्सा होकर टीएंडसीपी से मंजूरी प्राप्त है। इस जमीन पर रेरा नंबर के लिए आवेदन किया हुआ है। इस जमीन पर प्लाॅट नंबर 506, 507, 530 व 532 नंबर जो 2400-2400 वर्गफीट के (कुल एरिया 9600 वर्गफीट) हैं वह 18 अक्टूबर 2022 को रजत सिंह भिंड निवासी को और प्लाॅट नंबर 504, 505, 532 और 533 नंबर वैभव सिंह पिता विक्रम सिंह भिंड निवासी को बेचे गए हैं। इन प्लाॅट का भी एरिया 2400-2400 वर्गफीट होकर कुल 9600 फीट है। यह सौदे 57-57 लाख रुपए में हुए हैं। यह दोनों रजिस्ट्रियां उप पंजीयक सुनील चतुर्वेदी के जरिए हुई हैं। 



भूमाफिया बोले रहे पीड़ितों के लिए जमीन नहीं है



इधर, भूमाफिया हाईकोर्ट की कमेटी के सामने लगातार झूठ बोल रहे है कि उनके पास जमीन नहीं है वह प्लाॅट धारकों को केवल ब्याज के साथ राशि ही दे सकते हैं। उधर, एक के बाद एक इनकी जमीनों की जानकारी सामने आ रही है। हाल ही में कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी भी चंपू के बेटे आर्जव अजमेरा की कंपनी के नाम पर भी कालिंदी में जमीन सामने आने की जांच करवा चुके हैं और इस मामले में धोखाधड़ी को लेकर बाणगंगा थाने में एफआईआर भी करवा चुके हैं। यह जमीन कब्जे में लेकर पीड़ितों का निराकरण किया जा सकता है, लेकिन भूमाफिया केवल केस उलझाकर जमानत पर ही रहने की जुगत में लगे हैं और पर्दे के पीछे जमीनों की धोखाधड़ी आज भी जारी है। 



स्टे के बाद भी दो दिसंबर को नामांतरण हो गया



यह जमीन तीन अक्टूबर 2022 को सचिन अजमेरा ने खरीदी और फिर नामांतरण का आवेदन लगाकर जूनी इंदौर नायब तहसीलदार के जरिए दो दिसंबर 2022 को इसका नामांतरण भी डायमंड इन्फ्रास्ट्रक्चर सचिन अजमेरा के नाम पर प्रकरण क्रमांक 0550/अ-6/2022-23, आवेदन क्रमांक 21044244692 के जरिए करा लिया। इस दौरान प्रशासन ने यह कोर्ट स्टे देखा या सामने वाले ने जानकारी छिपाकर नामांतरण कराया यह भी जांच का विषय है। 



साल 2010 से ही जमीन पर स्टे है



जो जमीन बिकी है। उसका सर्वे नंबर 145/1, 149/1 और 148 की कुल 0.843 हेक्टेयर यानी करीब दो एकड़ है। इस जमीन की खरीदी-बिक्री पर जिला कोर्ट के नवंबर 2010 के आदेश से ही रोक लगी हुई है। इस जमीन के नामांतरण की जानकारी हाल ही में चंद्राप्रभू होम्स कंपनी संचालकों को मिली, जिसके बाद उन्होंने जिला कोर्ट में आवेदन लगाया। जिला कोर्ट ने इस मामले में 11 अगस्त 2023 को ही स्टे आर्डर को कंटीन्यू करते हुए कहा है कि जमीन पर पूर्व आदेश से स्टे जारी है और ऐसे में खरीदी-बिक्री नहीं हो सकती है। संबंधित पक्षकार डायमंड इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी आदेश दिए गए हैं कि वह इस जमीन पर कोई भार नहीं लाए, कोई खरीदी-बिक्री नहीं करें। कोर्ट ने अगली सुनवाई 26 अगस्त की लगाई है। 



जमीन को लेकर जाहिर सूचना हुई जारी



इस मामले में फरियादी चंद्राप्रभु होम्स ने जाहिर सूचना भी जारी कर दी है और इस सर्वे नंबर पर खरीदी-बिक्री नहीं करने को लेकर चेतावनी दी है। इस पर जिला कोर्ट का स्टे साल 2010 से जारी है और अभी भी फिर से आदेश जारी कर स्टे को जारी किया गया है। ऐसे में फिलहाल खरीदी-बिक्री नहीं हो सकती है। वैसे यहां की 1.840 हेक्टेयर जमीन को लेकर विवाद साल 2006 से ही चल रहा है। इसमें इन सर्वे नंबर के साथ कुछ अन्य सर्वे नंबर भी है। यह जमीन चंद्राप्रभु होम्स, रतनलाल जैन, नितलेश जैन के नाम पर है। इसमें से यह तीन सर्वे नंबर की दो एकड़ जमीन सचिन अजमेरा को बेच दी और रजिस्ट्री करा दी, जबकि स्टे लगा हुआ था। इसी पूर्व के स्टे के आधार पर जिला कोर्ट ने इसे जारी रखने का बात कहते हुए आदेश जारी किया है। उल्लेखनीय है कि जमीन के एक और खेल के चलते जिला प्रशासन ने चंपू अजमेरा के बेटे आर्जव अजमेरा के खिलाफ भी कई धाराओं में बाणगंगा थाने में एफआईआर कराई थी। इस केस में उसका बेटा अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर ही है।


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