Jabalpur. जबलपुर के विजय नगर इलाके में देह-व्यापार के अड्डे से पकड़े गए दलालों और युवतियों से पूछताछ में कई सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। इस अड्डे को संचालित करने वाले मुख्य आरोपी संजय तिवारी के कनेक्शन शहर ही नहीं बल्कि नेपाल और बांग्लादेश तक फैले थे। उसके पास बांग्लादेश और नेपाल तक से कॉल गर्ल आती थीं। हफ्ते-दस दिन तक वे यहां ग्राहकों को खुश करतीं और फिर किसी दूसरे शहर में दूसरे दलाल की बुकिंग पर चली जाती थीं। मुख्य आरोपी संजय किस बेखौफ अंदाज में स्कॉर्ट सर्विस का गोरखधंधा चला रहा था, उसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि वह अपने वॉट्सअप की डीपी और स्टेटस में युवतियों की तस्वीर लगाकर रखता था, जिस ग्राहक को जो कॉलगर्ल पसंद आ जाती थी, वह उसका सौदा कर लेता था।
सिक्योरिटी में तैनात कर रखे थे विदेशी नस्ल के कुत्ते
आरोपी संजय तिवारी ने अपने अड्डे की सुरक्षा के लिए विदेशी नस्ल के डॉग्स पाल रखे थे। ये कुत्ते तीन मंजिला मकान के ग्राउंड फ्लोर पर खुले घूमते थे। ताकि यदि पुलिस अड्डे पर आए तो ये कुत्ते कुछ देर तक पुलिस को रोक कर रखें। मकान के ग्राउंड फ्लोर पर एकदम सामान्य रूप से घर का सामान रखा हुआ था, वहीं फर्स्ट और सेकेंड फ्लोर पर अय्याशी चलती रहती थी। कई ग्राहक इस अड्डे पर ही आते थे, वहीं हाईप्रोफाइल ग्राहक युवतियों को होटल या फार्म हाउस पर बुलवाते थे।
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5 युवतियों समेत 10 हुए थे गिरफ्तार
बता दें कि बुधवार की रात माढ़ोताल थाना पुलिस ने विजय नगर स्कीम नंबर 41 में संचालित इस देह व्यापार के अड्डे पर दबिश देते हुए मौके से 5 युवतियों समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया था। तीन मंजिला मकान के दूसरे और तीसरे फ्लोर पर काफी आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद हुई थी। थाना प्रभारी रीना पांडे के मुताबिक मुखबिर से इस मकान में अवैध गतिविधियां संचालित होने की खबर मिली थी, जिसके बाद मौके पर दबिश देने पर देह व्यापार के अड्डे का खुलासा हुआ था।
नेपाल, पश्चिम बंगाल और रायपुर की युवतियां पकड़ी गईं
पुलिस ने जिन 5 युवतियों को हिरासत में लिया था उनमें से एक मुख्य आरोपी संजय तिवारी के गिरोह की सदस्य थी। बाकी की 4 युवतियों में से एक नेपाल, एक पश्चिम बंगाल और एक युवती रायपुर की थी। एक युवती ने पूछताछ में बताया कि जबलपुर के बाद उसे कान्हा और बांधवगढ़ जाना था, जहां उसकी बुकिंग थी। एक युवती ने पूछताछ में बताया कि दो दिन पहले उसे एक होटल में ले जाया गया था, वहां उसे एक बड़े अधिकारी को खुश करने कहा गया था, वह उसका नाम तो नहीं जानती लेकिन उसने बताया कि उसकी कार में सीईओ लिखा हुआ था, वह संस्थान का नाम नहीं पढ़ पाई थी।
कॉल डिटेल निकालकर होगी पड़ताल
पुलिस विभाग अब इस हाईप्रोफाइल सेक्स रैकेट के आरोपियों के मोबाइल की सीडीआर निकलवा रही है। ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस गिरोह के नेटवर्क कहां-कहां से जुड़े हैं और इनके ग्राहकों की लिस्ट में कौन-कौन लोग शामिल हैं।