JAIPUR. राजस्थान में लगातार बढ़ रहे कैंसर मरीजों को देखते हुए सरकार ने चलित मोबाइल वैन के जरिए कैंसर रोगियों की पहचान कराने का फैसला लिया है। इसके लिए प्रदेश के पांचों मेडिकल कॉलेजों को कैंसर स्क्रीनिंग के लिए चलित मोबाइल वैन प्रदान की जाएंगी। जिसके जरिए कैंसर से पीड़ित मरीजों की शुरुआती स्टेज में ही पहचान हो सकेगी। फिलहाल यह सुविधा प्रमुख शहरों में ही रहेगी। चलित मोबाइल वैन के जरिए मुंह, गले, फेंफड़ों और सर्वाइकल जैसे प्रमुख कैंसर का पता चल जाएगा।
5 मेडिकल कॉलेजों को जिम्मेदारी
कैंसर की जांच की जिम्मेदारी एसएमएस जयपुर, जेएलएन अजमेर, एसपी मेडिकल कॉलेज बीकानेर, एसएन मेडिकल कॉलेज जोधपुर और कोटा मेडिकल कॉलेज को दी जाएगी। प्रत्येक मेडिकल कॉलेज को एक-एक मोबाइल कैंसर स्क्रीनिंग वैन मिलेगी। वैन के जरिए जगह-जगह पर कैंसर जांच के शिविर लगाए जाएंगे। बता दें कि प्रत्येक मोबाइल वैन की लागत 1.20 करोड़ रुपए है। चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की मानें तो स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सीएम यह सौगात दे सकते हैं।
लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या
पिछले दो साल में राजस्थान में कैंसर के मरीजों की तादाद बढ़ी है, साल 2020 में जहां प्रदेश में 70 हजार कैंसर रोगी थे वहीं साल 2022 में ये बढ़कर 74 हजार से ज्यादा हो चुके हैं। इस स्थिति को देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है ।
समय-समय पर लगेंगे शिविर
बता दें कि इस वैन में डिजिटल एक्सरे, मेमोग्राफी, ईएनटी एंडोस्कोप, कोलपोस्कोपी की जांच मशीनें उपलब्ध रहेंगी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए डॉक्टर रोगियों को परामर्श देंगे। जिस मेडिकल कॉलेज को यह वैन दी जाएगी, उसे डॉक्टर, नर्स, लैब टेक्नीशियन और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के साथ आसपास के क्षेत्रों में शिविर का शेड्यूल जारी करना पड़ेगा। साथ ही मरीजों को निशुल्क दवा, मरीजों का रिकॉर्ड और उन्हें रैफर करने की भी जिम्मेदारी लेनी होगी।