सिलवानी में आदिवासी युवक को मारते- पीटते चौकी ले गई पुलिस, सुबह घर में मिला शव, परिजनों ने लगाया प्रताड़ना और हत्या का आरोप

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Vikram Jain
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सिलवानी में आदिवासी युवक को मारते- पीटते चौकी ले गई पुलिस, सुबह घर में मिला शव, परिजनों ने लगाया प्रताड़ना और हत्या का आरोप

पवन सिलावट, RAISEN. मध्यप्रदेश में आदिवासियों पर अत्याचार कम होने का नाम नहीं ले रहे है। ताजा मामला रायसेन जिले के आदिवासी बाहुल्य विकासखंड सिलवानी के ग्राम चैनपुर सामने आया है, जहां पुलिस आदिवासी युवक को गांव से मारते-पीटते हुए चौकी ले गई फिर सुबह इस युवक का शव घर में मिला। परिजनों ने पुलिस पर प्रताड़ना और हत्या करने का आरोप लगाया है। बुधवार को युवक के शव का पोस्टमार्टम कर पुलिस के सामने अंतिम संस्कार किया गया। 



युवक के उत्पात मचाने की सूचना पर गांव पहुंची थी पुलिस



मामला सिलवानी थाना क्षेत्र की जैथारी पुलिस चौकी के ग्राम चैनपुर का है। बताया जा रहा है कि मंगलवार को इस गांव में धार्मिक आयोजन किया जा रहा था इस दौरान श्रीराम नाम का आदिवासी युवक शराब के नशे में उत्पात करने लगा, इसको लेकर ग्राम सरपंच प्रतिनिधि पप्पू ठाकुर ने पुलिस को मामले की सूचना दी। जिसके बाद पर पुलिस गांव पहुंची और युवक को पकड़ कर उससे मारपीट की। ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस मंदिर से स्कूल तक युवक को मारते पीटते लेकर आई और स्कूल के पास जूते से पिटाई कर गाड़ी में बिठाकर पुलिस चौकी ले गई।



युवक के पिता ने लगाया हत्या का आरोप



मामले में युवक के पिता जगमोहन आदिवासी ने कहना है कि मंगलवार की शाम 4 बजे जैथारी पुलिस बेटे को मारते पीटते ले गई थी और बुधवार की सुबह वह घर के बाहरी कमरे में मरा हुआ मिला है। जिससे हम सिलवानी अस्पताल ले गए तो डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। इसके बाद पोस्टमार्टम किया गया और शाम को पुलिस की मौजूदगी में उसका अंतिम संस्कार किया गया है। मेरे बेटे को पुलिस ले गई थी और उसी ने मरवा दिया है।



वहीं मामले में सरपंच प्रतिनिधि पप्पू ठाकुर का कहना है कि गांव में भजन कार्यक्रम चल रहा था जिसमें श्रीराम आदिवासी गाली- गलौच और उत्पात कर रहा था, जिसकी जैथारी पुलिस को सूचना दी गई थी जिसे पुलिस ले गई, रात 8:30 बजे मैं और मेरा साथी मस्तराम पुलिस चौकी से वापस लाकर रात 9 बजे गांव के बाहर छोड़ दिया था, सुबह मालूम हुआ कि उसकी मौत हो गई।



पूर्व सरपंच निरपत सिंह ठाकुर ने बताया कि मंगलवार की शाम को दो पुलिस वाले आये थे, श्रीराम आदिवासी को पकड़ कर स्कूल के सामने जूतों से पिटाई कर पुलिस चौकी ले गई थी सुबह देखा तो घर के बाहरी कमरे में मरा हुआ मिला है। रात के अंधेरे में कब कितने बजे, कौन कमरे में छोड़ कर चला यह जानकारी किसी को नहीं है।



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मामले में ब्लॉक मेडीकल ऑफीसर डॉ. एचएन मांडरे का कहना है कि ग्राम चैनुपर निवासी श्रीराम आदिवासी मृत अवस्था में अस्पताल लाया गया था जिसका मेरे और डॉ. आरएस पटेल, डॉ. अभिषेक ठाकुर के द्वारा पोस्टमार्टम किया गया और बिसरा जांच के लिए लैब में भेजा गया है।


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