INDORE. मप्र में आय से अधिक संपत्ति केस में भ्रष्टाचार निवारण मामलों की विशेष अदालत ने मंगलवार, 1 अगस्त को आरोपी के खिलाफ बड़ी सजा सुनाई है। 12 साल पुराने इस मामले में जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी लाखनसिंह राजपूत को चार साल की सजा सुनाई और 2 करोड़ रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। लोकायुक्त पुलिस ने 11 सितंबर 2013 को कोर्ट में चालान पेश किया था। करीब 9 साल 11 महीने कोर्ट में सुनवाइ के दौरान 44 गवाह पेश किए गए।
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12 साल पहले दर्ज हुआ था केस
जानकारी के मुताबिक, लोकायुक्त को आरोपी लाखन सिंह राजपूत मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सेंधवा जिला बड़वानी के संबंध में 11 नवंबर 2011 को सूचना मिली थी कि आरोपी द्वारा भ्रष्टाचार कर अवैधानिक रूप से अनुपातहीन सम्पत्ति अर्जित की गई है, जिसके अंतर्गत मकान नंबर सीएच 82 स्कीम नंबर 74-सी, भूखंड क्रमांक-8 डी.बी./एस-3 स्कीम नंबर 78, भूखंड क्रमांक-9 डी.बी./एस-3 स्कीम नंबर 78, मकान नंबर सी.एच.-188 स्कीम नंबर 74-सी, भूखंड क्रमांक 18 योजना क्रमांक 136 की चल-अचल सम्पत्ति के अनुबंध होना लेख था और उक्त सभी संपत्तियां आरोपी द्वारा अज्ञात स्त्रोतों से लगभग 1,20,50,000 रुपए की आय होना अनुमानित है तथा आरोपी द्वारा लगभग 3.879 करोड़ रुपए की सम्पत्तियां अर्जित की गई है।
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अनुपातहीन संपत्ति का आरोपी ने नहीं दिया था जवाब
उक्त सूचना पर से आरोपी के खिलाफ जांच प्रारंभ की गई, प्राथमिक जांच में आय प्रमाणों के आधार पर प्रथम दृष्टया अनुपातहीन सम्पत्ति अर्जन करने का मामला पाए जाने से भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(ई) सहपठित धारा 13 (2) के अंतर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया व विवेचना उपरांत अभियुक्त के कब्जे में 4,20,15,942 रुपए की अनुपातहीन संपत्ति पाई गई जिसका आरोपी द्वारा कोई संतोषप्रद लेखा प्रस्तुत नहीं किया गया। इसलिए आरोपी के खिलाफ उक्त धाराओं में 11 सितंबर 2013 को चालान कोर्ट में प्रस्तुत किया गया। जिस पर से आरोपी को कोर्ट ने सजा सुनाई।
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