Raipur. बीजेपी छत्तीसगढ़ की 28 सीटों पर प्रत्याशी अगस्त के आखिरी हफ्ते में घोषित कर सकती है। इनमें वो सीटें शामिल हैं, जिन सीटों पर हार का अंतर बीस हजार या उसके आगे का रहा है। यह बिलकुल कर्नाटक में अपनाया गया कांग्रेस का वह पैटर्न है,जहां कई सीटों पर कांग्रेस ने प्रत्याशी पहले घोषित कर दिए थे।
दीनदयाल मार्ग पर कवायद तेज
बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यालय में इस विषय को लेकर मंथन अपने अंतिम दौर की ओर है। पार्टी के सेंकड टॉप अमित शाह इस मसले पर लगातार रिपोर्ट ले रहे हैं। पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व प्रदेश में जिन सीटों पर फोकस कर रहा है, उनकी दो कैटेगरी है। एक तो वह सीटें हैं जहां हार का अंतर बीस हजार या उससे ज्यादा रहा है और दूसरा वे सीटें हैं, जहां बीजेपी को जीत कभी मिली ही नहीं। इन दोनों श्रेणियों को मिला दिया जाए तो सीटों का आंकड़ा चालीस के आस पास पहुंच रहा है।
अमित शाह की अपनी टीम भी प्रदेश में सक्रिय
बीजेपी के सूत्र यह बताते हैं कि अमित शाह तक इन दो श्रेणियों को लेकर रिपोर्ट अलग-अलग माध्यमों से पहुंच रही है। इन सीटों में मुद्दे मसले के अध्ययन और अन्वेषण के साथ रिपोर्ट तैयार करने वालों में अमित शाह की अपनी टीम भी सक्रिय है।
आखिर हासिल क्या है?
इन सीटों पर पहले प्रत्याशी घोषित करने के पीछे बीजेपी की रणनीति यह है कि प्रत्याशी और पार्टी दोनों को पर्याप्त अवसर मिले। बीजेपी हर संभव वह क़वायद कर रही है जिससे सत्ता में हासिल होने का लक्ष्य पूरा हो सके।